Lohardaga : झारखंड सरकार के जनजाति कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने कहा कि आदिवासियों की अपनी प्रकृति और अपनी पूजा पद्धति के साथ अपनी धार्मिक पहचान के लिए सरना धर्म कोड जरूरी है। केंद्र में आदिवासियों को आदिवासी में नहीं हिंदू में गिना जाता है। हमारी पूजा-पाठ और धार्मिक पहचान हमें मिलनी चाहिये। हमलोग वर्ण जाती में नहीं आते हैं, हमलोग द्रविड़ हैं। हमे हिंदू-मुस्लिम से दिक्कत नहीं है। हमलोगों को अपनी धार्मिक पहचान मिलनी चाहिये और हम उसे लेकर रहेंगे। मौका था आदिवासी छात्र संघ के जरिये छात्र सभा सह जनसुनवाई सभा का। यह कार्यक्रम लोहरदगा के बलदेव साहू कॉलेज के हॉस्टल में आयोजित की गयी थी। मंत्री चमरा लिंडा बतौर मुख्य अतिथि यहां शिरकत करने पहुंचे थे।
मौके पर कार्यकर्ताओं और छात्रों ने मंत्री चमरा लिंडा का जोरदार स्वागत किया। मंत्री चमरा लिंडा के साथ आदिवासी समाज के कई नेता मंच पर मौजूद रहे। इस दौरान मंत्री चमरा लिंडा ने आम लोगो की समस्याओं को सुना और उसे दूर करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश भी दिया। लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री चमरा लिंडा ने सरना धर्म कोड का मामला उठाया और इसे लागू करने की मांग केंद्र से की। उन्होंने स्टूडेंट्स की समस्याएं भी सुनी और उसके समाधान की भी बात कही। मौके पर बडी संख्या में लोग मौजूद थे।
Read More : दो दिवसीय दौरे पर कुवैत रवाना हुए PM मोदी, 43 वर्षों में किसी भारतीय PM का पहला दौरा
Read More : आज साल का सबसे छोटा दिन और सबसे बड़ी रात
Read More : CM हेमंत ने बकाया के मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी को दिया दो टूक जवाब
Read More : ‘One Nation One Election’ बिल लोकसभा में पेश, JPC में जायेगा बिल
Read More : अब राष्ट्रपति का बना डाला फेक आईडी, प्राथमिकी दर्ज