KML Desk/Ranchi: झारखंड में इंडिया गठबंधन के भीतर सत्ता के साझेदारों के बीच की खींचतान अब आम जनता के सामने भी आ रही है। हाल ही में विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और नगर विकास मंत्री सह प्रभारी संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बीच तीखी नोकझोंक देखने को मिली थी। इसके बाद से ही कांग्रेस और झामुमो कोटे के मंत्रियों के बीच भरे सदन में हुए टशन को सत्ताधारी दलों में अंदरूनी मतभेद के रूप में देखा जाने लगा। गोड्डा जिले में सरकारी नर्सिंग कॉलेज के मुद्दे पर हुए इस विवाद ने यह सवाल खड़ा कर दिया कि क्या ‘इंडिया’ गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है? क्या गठबंधन दलों के नेताओं के बीच सियासी फूट बढ़ रही है? दोनों नेताओं के बीच की यह तकरार ने न केवल झारखंड की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है, बल्कि इसे राज्य में गठबंधन के भविष्य पर मंडराते खतरे के रूप में भी देखा जा रहा है।
विधानसभा के बजट सत्र में कई बार विपक्ष से ज्यादा हमलावर दिखा सत्ता पक्ष
दरअसल झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कई बार देखने को मिला कि सरकार पर सत्ता पक्ष के विधायक ही ज्यादा हमलावर हो रहे रहे हैं। यह बात अलग थी कि यह टकराव सरकार में शामिल कांग्रेस और झाममो के बीच देखने को मिली। कांग्रेस के विधायक प्रदीप यादव से लेकर डॉ. रामेश्वर उरांव तक ने झामुमो कोटे के मंत्री योगेन्द्र प्रसाद को अपने सवालों से पानी पिला दिया। वहीं, हाल के दिनों में कांग्रेस कोटे से मंत्री डॉ. इरफान अंसारी और झामुमो कोटे से मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू के बीच तिखी बहस देखने को मिली। अमूमन यह बहस विपक्ष और सरकार के बीच देखने को मिलती है, लेकिन इस बार के विधानसभा सत्र में अब तक विपक्ष की अपेक्षा सत्ता पक्ष के विधायक ही सरकार को ज्यादा आक्रामक तरीके से घेरते नजर आए हैं।
डॉ. इरफान अंसारी ने अपनी ही पार्टी के विधायक दल के नेता पर कसा था तंज
दरअसल, कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने गोड्डा जिले में सरकारी नर्सिंग कॉलेज खोलने को लेकर सवाल पूछा। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि वहां एक भी सरकारी नर्सिंग कॉलेज क्यों नहीं है? इसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि सरकार जल्द ही गोड्डा में नर्सिंग कॉलेज शुरू करने वाली है। हालांकि, प्रदीप यादव ने जवाब पर आपत्ति जताते हुए पूछा कि पहले से बने कॉलेज भवन को कब शुरू किया जाएगा? इस पर डॉ. अंसारी ने जवाब देते हुए कहा, “आप खुद जानते होंगे, क्योंकि आप वहीं के विधायक हैं।” स्वास्थ्य मंत्री ने अपनी ही पार्टी के विधायक पर व्यंग्य भी कसा कि हो सकता है कि यह भवन आपने खुद बनवाया हो।
सुदिव्य कुमार सोनू ने डॉ. इरफान अंसारी को मर्यादा में रहने की दी थी नसीहत
इसी बहस के दौरान प्रभारी संसदीय कार्य मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने हस्तक्षेप करते हुए कहा कि सवाल और जवाब सीधे होने चाहिए और कटाक्ष नहीं किये जाने चाहिए। इसके जवाब में डॉ. इरफान अंसारी ने उन्हें भी घेरते हुए कहा कि सुदिव्य जी को हर मुद्दे में टांग अड़ाने की आदत है। इस पर पलटवार करते हुए सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि विधानसभा किसी की निजी संपत्ति नहीं है और यहां सबको मर्यादा बनाये रखनी चाहिये। हालांकि, अगले ही दिन विधानसभा में दोनों नेताओं मीडिया गैलरी में एक साथ आए। डॉ. इरफान अंसारी ने कहा कि सुदिव्य कुमार सोनू उनके बड़े भाई हैं। हमलोग एक-दूसरे के पूरक हैं और हमारे बीच कोई विवाद नहीं है।
इरफान अंसारी के टोकने पर खफा हो गये थे मंत्री संजय प्रसाद यादव
विधानसभा के बजट सत्र के दौरान 22 मार्च को भी एक बार फिर दो मंत्रियों के बीच विवाद हो गया था। दरअसल, श्रम नियोजन एवं कौशल प्रशिक्षण मंत्री संजय प्रसाद यादव विभाग के कटौती प्रस्ताव के विरोध में सरकार का उत्तर पढ़ रहे थे। इस स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने बीच में टोकते हुए मंत्री को अपनी बात जल्दी समाप्त करने को कहा। इस पर मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि पता नहीं, कुछ सदस्यों को घर जाने की इतनी जल्दी क्यों रहती है? उन्होंने कहा कि कभी-कभी तो मौका मिलता है, विपक्ष को कुछ समझाने का। आज मौका मिला है, तो उन्हें अपनी बात पूरी तरह रखने दीजिये।
झामुमो प्रवक्ता ने डॉ. इरफान अंसारी को चिरकुटई करने वाला नेता बताया
कांग्रेस और झामुमो कोटे के मंत्रियों के बीच विधानसभा में हुई तीखी नोकझोंक मामले में अब झामुमो प्रवक्ता तनुज खत्री की एंट्री हो गई है। उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा है कि सदन की कार्यशैली देख कर आलमगीर आलम साहब की याद आ गई। उन्होंने यह भी कहा कि अगर वे होते, तो कोई मंत्री ऐसी घटिया भाषा का प्रयोग नहीं करते। उन्होंने नाम लेकर डॉ. इरफान अंसारी को निशाना साधा। कहा कि वह सिर्फ चिरकुटई कर सकते हैं। वहीं, लगे हाथ खत्री ने डॉ. इरफान अंसारी को मंत्री सुदिव्य कुमार सोनू से माफी मांगने की भी सलाह दे दी है। ऐसे में दोनों मंत्रियों ने सदन में हुई नोकझोंक को भले ही दरकिनार करते हुए सत्ता पक्ष में सब कुछ ठीक बताया है, मगर यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या वाकई इंडिया गठबंधन में सब कुछ ठीक है?