Jharkhand: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 17वें दिन विधायक रागिनी सिंह ने निजी स्कूलों की मनमानी पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि निजी विद्यालय अभिभावकों पर आर्थिक बोझ डाल रहे हैं। नामांकन के समय शुल्क लेने के बावजूद हर साल वार्षिक शुल्क वसूला जाता है। साथ ही, स्कूल अपने अधिकृत विक्रेताओं से ही किताबें खरीदने का दबाव बनाते हैं और हर साल पाठ्यक्रम में बदलाव कर नई किताबें खरीदने को मजबूर करते हैं।
शिकायत पर होगी कार्रवाई
विधायक ने शिक्षा मंत्री से पूछा कि सरकार ऐसे स्कूलों पर क्या कार्रवाई कर रही है, जो नियमों का उल्लंघन कर अभिभावकों को आर्थिक रूप से परेशान कर रहे हैं।
ढाई लाख रुपये तक का जुर्माना लगेगा
शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि निजी स्कूलों में शुल्क समिति का गठन किया गया है। इसके बावजूद अगर स्कूल मनमानी करते हैं, तो उपायुक्त की अध्यक्षता में जिला स्तरीय कमेटी में स्थानीय सांसद और विधायक भी शामिल हैं। यदि विद्यालय प्रबंधन नियमों का पालन नहीं करता है, तो 2.50 लाख रुपये तक का दंड लगाया जाएगा।
ऑनलाइन शिकायत का विकल्प भी उपलब्ध
मंत्री ने बताया कि सरकार ने अभिभावकों की शिकायतों के लिए ऑनलाइन पोर्टल भी शुरू किया है, जहां वे स्कूलों की मनमानी की शिकायत दर्ज कर सकते हैं। सरकार इस मामले में सख्त कार्रवाई करेगी।