Ranchi: झारखंड विधानसभा के मानसून सत्र के 11वें दिन मंगलवार को गैंगस्टर अमन साव के पुलिस एनकाउंटर का मामला गरमाया। जदयू विधायक सरयू राय ने इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि सरकार को यह बताना चाहिए कि अमन साव का एनकाउंटर कैसे हुआ और इस पूरी घटना की विस्तृत जानकारी सदन में पेश की जानी चाहिए।
सरयू राय ने उठाए सवाल, सरकार से मांगी पूरी जानकारी
विधायक सरयू राय ने कहा कि अमन साव के एनकाउंटर को लेकर मीडिया में बड़ी खबरें आ रही हैं, लेकिन सरकार की ओर से कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया गया है। उन्होंने मांग की कि इस मामले की पूरी रिपोर्ट सदन में रखी जाए ताकि सच जनता के सामने आ सके।
मंत्री सुदिव्य सोनू का बयान – “कानून से ऊपर उठने वालों को पुलिस सख्ती से निपटाएगी”
सरयू राय के सवालों का जवाब देते हुए मंत्री सुदिव्य सोनू ने कहा कि झारखंड में कानून का राज है और पुलिस कानून के दायरे में रहकर कार्रवाई कर रही है। उन्होंने कहा, “जो अपराधी कानून को चुनौती देंगे, उनके खिलाफ पुलिस कड़ी कार्रवाई करेगी। आत्मरक्षा में गोली चलाना गलत नहीं है।”
रांची और हजारीबाग गोलीकांड में था अमन साव का नाम
अमन साव का नाम रांची के कोयला कारोबारी विपिन मिश्रा और हजारीबाग एनटीपीसी के अधिकारी कुमार गौरव पर हुए गोलीकांड से जुड़ा था। इसी मामले में पूछताछ के लिए पुलिस उसे रायपुर से रांची ला रही थी। इस दौरान पुलिस का दावा है कि अमन साव जवानों से हथियार छीनकर भागने की कोशिश करने लगा, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई करते हुए उसे मार गिराया।
विपक्ष ने उठाए सवाल, जांच की मांग
BJP के विधायक चंपई सोरेन ने इस एनकाउंटर पर सवाल उठाते हुए कहा कि मामला संदिग्ध लग रहा है। उन्होंने कहा, “यदि अमन साव पुलिस कस्टडी में था तो फिर भागने की कोशिश कैसे हुई? अगर उसे पकड़ने गए होते और मुठभेड़ होती, तो बात समझ में आती, लेकिन जब वह पुलिस सुरक्षा में था, तब एनकाउंटर क्यों हुआ?”
चंपई सोरेन ने आगे कहा कि झारखंड डीजीपी खुद कह चुके हैं कि अपराध की कई घटनाएं जेल से संचालित हो रही थीं। ऐसे में अमन साव का एनकाउंटर किसी बड़े खुलासे को दबाने के लिए तो नहीं किया गया? उन्होंने इस पूरे मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
सरकार की चुप्पी पर विपक्ष का हमला
इस मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार पर हमला बोला और कहा कि यह एनकाउंटर संदेहास्पद है। विपक्ष ने सवाल उठाया कि अगर अमन साव के पास कोई बड़ा राज था, तो क्या उसे दबाने के लिए यह कार्रवाई की गई?
झारखंड विधानसभा में इस मुद्दे पर अभी और चर्चा होने की संभावना है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या रुख अपनाती है और क्या कोई जांच कराई जाती है या नहीं।