Wednesday, March 12, 2025
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ED के नाम पर वसूली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा

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Ranchi: ED अफसरों के नाम पर केस मैनेज करने के लिये अवैध वसूली मामले में सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। दरअसल, जमीन घोटाला मामले में ED को मैनेज करने के लिये 6 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की शिकायत पंडरा ओपी में दर्ज करायी गयी थी। इस मामले में ED ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर पुलिस की जांच पर सवाल उठाये थे। ED ने अदालत को बताया कि पुलिस गलत तरीके से जांच कर ED के अफसरों को फंसाने की कोशिश कर रही है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ED अफसरों को राहत देते हुए पुलिस की जांच पर रोक लगा थी। साथ ही पंडरा ओपी, सुखदेव नगर थाना सहित अन्‍य थानों के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखने का निर्देश दिया था। साथ ही ED के अफसरों पर किसी प्रकार की पीड़क कार्रवाई पर अगले आदेश तक रोक लगा दी थी।

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हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी SLP

हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की थी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की खंडपीठ ने राज्‍य सरकार की चुनौती याचिका को खारिज करते हुए हाईकोर्ट के आदेश को बरकरार रखा। साथ ही झारखंड हाईकोर्ट को निर्देश दिया कि मूल याचिका पर जल्‍द सुनवाई करते हुए मामले का निष्‍पादन करें।

ED ने पुलिस पर गलत जांच कर फंसाने का लगाया है आरोप

हाईकोर्ट में ED की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि पुलिस सही तरीके से जांच नहीं कर रही है। मामले की जांच कर रहे पुलिस अफसर अपने क्षेत्राधिकार का अतिक्रमण कर रहे हैं। पुलिस सबूतों के साथ छेड़छाड़ और फर्जी साक्ष्य तैयार कर ED अफसरों को फंसाने और धमकाने की साजिश रच रही है। ED ने हाईकोर्ट से यह भी आग्रह किया कि 4 से 17 अक्टूबर 2024 की अवधि तक पंडरा ओपी, सुखदेव नगर थाना, जगन्नाथपुर, नामकुम, मोरहाबादी टीओपी, अनगड़ा और देवघर थाना के सीसीटीवी फुटेज को सुरक्षित रखा जाए। इसके बाद हाईकोर्ट ने इसे स्‍वीकार करते हुए अगले आदेश तक पुलिस की जांच पर रोक लगा रखी है। अब इस मामले में अगली सुनवाई 11 फरवरी को होनी है।

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क्‍या है पूरा मामला

रांची के पंडरा ओपी में वर्ष 2024 में दो FIR दर्ज कराये गये थे। पहले FIR में अधिवक्ता सुजीत कुमार ने रंगदारी की मांग कर हथियार के बल पर अपहरण करने का आरोप लगाया था। FIR में संजीव कुमार पांडेय, रवि कुमार, प्रशांत, दिवाकर द्विवेदी व अन्य पर आरोप लगाया था। उनके मुताबिक, आरोपियों ने उसका अपहरण किया और संजीव कुमार पांडेय ने अपने खाते में 11 लाख 50 हजार रुपये ट्रांसफर कराये और 54 चेक भी ले लिया। वहीं, दूसरा FIR संजीव कुमार पांडेय ने अधिवक्ता सुजीत कुमार पर धोखाधड़ी व भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। दर्ज FIR में उन्‍होंने बताया था कि जमीन घोटाला केस की जांच कर रही ED को मैनेज करने के नाम पर नामकुम सीओ प्रभात भूषण सिंह, धनबाद के डीटीओ दिवाकर द्विवेदी और कांके सीओ जयकुमार राम से अधिवक्ता सुजीत कुमार ने करीब 6 करोड़ रुपये की ठगी की है। दोनों ही FIR की जांच पर फि‍लहाल हाईकोर्ट ने अस्‍थाई तौर पर रोक लगा रखी है।

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