प्रयागराज: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 के दौरान मौनी अमावस्या स्नान से पहले संगम तट पर मची भगदड़ में झारखंड की एक महिला की दर्दनाक मौत हो गई। मृतका की बहन गंभीर रूप से घायल हैं और उनका अस्पताल में इलाज जारी है।
झारखंड की गायत्री देवी की गई जान
मृतका की पहचान झारखंड के पलामू जिले के रेहला थाना क्षेत्र के तोलरा गांव की रहने वाली 60 वर्षीय गायत्री देवी के रूप में हुई है। वे अमरेश पांडेय की पत्नी थीं। उनकी बहन तेतरी देवी, जो गढ़वा जिले के झुरा गांव निवासी कयास दुबे की पत्नी हैं, इस भगदड़ में गंभीर रूप से घायल हो गईं।
भगदड़ के दौरान नीचे दब गईं गायत्री देवी
प्राप्त जानकारी के अनुसार, गायत्री देवी अपने पति अमरेश पांडेय और अन्य परिजनों के साथ महाकुंभ स्नान के लिए प्रयागराज पहुंची थीं। मंगलवार रात मौनी अमावस्या स्नान के लिए संगम तट के किनारे बालू पर सो रहे थे। इसी दौरान अचानक भगदड़ मच गई और गायत्री देवी भीड़ के नीचे दब गईं, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वहीं, तेतरी देवी गंभीर रूप से घायल हो गईं और अस्पताल में भर्ती हैं।
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भगदड़ में 20 से ज्यादा की मौत, 50 से ज्यादा श्रद्धालु घायल
सूत्रों के अनुसार, इस भगदड़ में अब तक 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 50 से अधिक श्रद्धालु घायल हैं। प्रयागराज के मेडिकल कॉलेज में 14 शव पोस्टमॉर्टम के लिए लाए गए थे, बाद में अन्य शवों को भी एंबुलेंस के जरिए मेला क्षेत्र से अस्पताल पहुंचाया गया।
क्या थी भगदड़ की वजह?
भगदड़ की दो प्रमुख वजहें सामने आई हैं:
- अमृत स्नान के कारण पीपा पुलों का बंद होना: महाकुंभ के दौरान अमृत स्नान के लिए कई पीपा पुलों को बंद कर दिया गया था, जिससे संगम की ओर जाने वाली भीड़ का दबाव बढ़ गया और बैरिकेड्स में फंसकर कुछ लोग गिर गए। इसके बाद अफवाह फैलने से भगदड़ मच गई।
- एंट्री और एग्जिट प्वाइंट अलग न होना: संगम नोज पर प्रवेश और निकासी के रास्ते अलग नहीं थे। श्रद्धालु जिस रास्ते से आ रहे थे, उसी रास्ते से वापस जा रहे थे। ऐसे में भगदड़ के दौरान भागने का कोई रास्ता नहीं मिला और लोग एक-दूसरे के ऊपर गिरते चले गए।
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घटनास्थल पर एनएसजी कमांडो तैनात
हादसे के बाद प्रशासन ने तुरंत कदम उठाए। 70 से ज्यादा एंबुलेंस संगम तट पर पहुंची और घायलों व मृतकों को अस्पताल ले जाया गया। संगम नोज क्षेत्र को आम श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया है और वहां एनएसजी कमांडो तैनात कर दिए गए हैं।
श्रद्धालुओं को प्रयागराज में प्रवेश से रोका गया
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन ने प्रयागराज से सटे जिलों में श्रद्धालुओं को रोकने के निर्देश दिए हैं। स्थानीय प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके और कोई और अप्रिय घटना न हो।
झारखंड में शोक की लहर
गायत्री देवी की मौत की खबर से उनके गांव में मातम पसर गया है। उनके बेटे, जो सीआरपीएफ में तैनात हैं, प्रयागराज क्षेत्र में ही ड्यूटी पर थे और घटना की सूचना मिलते ही तुरंत वहां पहुंचे। मृतका का शव झारखंड लाया जा रहा है, जहां अंतिम संस्कार किया जाएगा।
प्रशासन अलर्ट, जांच के आदेश
महाकुंभ में हुई इस दर्दनाक भगदड़ को लेकर प्रशासन ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। सरकार की ओर से मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने की घोषणा की गई है। वहीं, श्रद्धालुओं की सुरक्षा को लेकर नए इंतजाम किए जा रहे हैं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न दोहराई जाएं।