Ranchi: झारखंड विधानसभा में बजट सत्र चल रहा है। इस बीच भाजपा विधायक और पूर्व सीएम चंपाई सोरेन के बयान ने सियासी हलचल बढ़ा दी है। एक दिन पहले चंपाई सोरेन संथाल परगना के जामताड़ा पहुंचे थे। यहां उन्होंने कहा था कि संथाल परगना के पाकुड़ एवं साहिबगंज समेत कई हिस्सों में आज आदिवासी समाज अल्पसंख्यक हो चुका है, जबकि बांग्लादेशी घुसपैठिए हमारे समाज की जमीनों पर कब्जा कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि जो भी व्यक्ति धर्मांतरण कर हमारी परंपराओं एवं रूढ़िवादी व्यवस्था से बाहर निकल चुका है, उसे आरक्षण नहीं मिलना चाहिए। दोहरे लाभ की नीति ठीक नहीं है।
धर्म परिवर्तन करने के बाद भी आरक्षण लेना उचित नहीं: सरयू राय
चंपाई सोरेन के इस बयान का पूर्व मंत्री सह जदयू विधायक सरयू राय और जेएलकेएम विधायक जयराम कुमार महतो ने भी समर्थन किया है। सरयू राय ने कहा कि धर्म परिवर्तन के बाद भी आरक्षण लेना उचित नहीं है। उन्होंने कहा, अगर कोई धर्म परिवर्तन करता है, तो उसे उसी धर्म की व्यवस्था में जाना चाहिए।
अपनी आस्था बदलने वालों को आरक्षण देना अन्यायपूर्ण: जयराम महतो
जयराम कुमार महतो ने सवालिया लहजे में कहा कि जो लोग अपनी आस्था बदल रहे हैं, उन्हें आरक्षण का लाभ क्यों मिलना चाहिए? उन्होंने इसे अन्यायपूर्ण बताते हुए इसकी समीक्षा कराने की सरकार से मांग की।
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