Ranchi: सदान विकास परिषद की केंद्रीय समिति की बैठक आज रांची स्थित केंद्रीय कार्यालय, डिप्टी पाड़ा में हुई। अध्यक्षता परिषद के अध्यक्ष प्रोफेसर पांडे हिमांशु नाथ राय ने की। बैठक में झारखंड के सभी प्रमंडलों के सदस्यों ने भाग लिया। इस दौरान सदस्यों ने एक स्वर में कहा कि राज्य में 80% सदान समुदाय को उनके मौलिक अधिकारों से वंचित करने की साजिश की जा रही है।
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बहुसंख्यक सदान समुदाय के अधिकारों का हनन हुआ
बैठक में कहा गया कि झारखंड सरकार ने 13 जिलों को अनुसूचित क्षेत्र घोषित कर बहुसंख्यक सदान समुदाय के अधिकारों का हनन किया है। परिषद ने कहा कि यह निर्णय किसी भी नियम के अनुरूप नहीं है। साथ ही मांग गयी कि जनसंख्या के अनुपात के आधार पर आरक्षण लागू होना चाहिए और किसी भी समुदाय का अधिकार छीना नहीं जाना चाहिए। बैठक में अरुण कश्यप, डॉ. सत्य प्रकाश मिश्रा, विजय महतो, अब्दुल खालिक, लालचंद महतो, महेश्वर प्रसाद, उपेंद्र नारायण सिंह, राधे श्याम वर्मा सहित कई लोग शामिल रहे।
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पेसा कानून और छठी अनुसूची का जोरदार विरोध
बैठक में पेसा कानून और झारखंड को छठी अनुसूची में शामिल करने का जोरदार विरोध किया गया। परिषद ने स्पष्ट किया कि वे आदिवासियों के विरोधी नहीं हैं, लेकिन राज्य में बहुसंख्यक सदान समुदाय के मौलिक अधिकारों का हनन बर्दाश्त नहीं करेंगे। इसके साथ ही घोषणा की गई कि गैर-आदिवासी सदान समुदाय एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आंदोलन करेगा। अब परिषद की अगली बैठक 5 फरवरी 2025 को केंद्रीय कार्यालय, रांची में होगी। इस बैठक में राज्य के विभिन्न जिलों के प्रतिनिधि शामिल होंगे और आगे की रणनीति तय करेंगे।
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