Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र में मंगलवार को निजी स्कूलों की मनमानी का मुद्दा जोर-शोर से उठा। भाजपा विधायकों ने सरकार पर निजी स्कूलों की मनमानी पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया। सदन में भाजपा विधायक प्रदीप प्रसाद ने कहा कि राज्य में निजी स्कूल मनमाने तरीके से फीस बढ़ा रहे हैं और अभिभावकों पर महंगी किताबें, कॉपी और ड्रेस खरीदने का दबाव डाल रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार इस पर मौन है, क्योंकि कई नेताओं को निजी स्कूलों से आर्थिक लाभ मिलता रहता है।
भाजपा विधायक सत्येंद्र नाथ तिवारी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा, “अभिभावकों से जबरन महंगे सामान खरीदवाए जा रहे हैं। लोग परेशान हैं, लेकिन सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।” उन्होंने मांग की कि सरकार इस मामले में सख्त कदम उठाए और मनमानी फीस वसूली पर रोक लगाए।
शिक्षा मंत्री का बचाव, शिकायत की अपील
विपक्ष के हमले के बीच शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार निजी स्कूलों की मनमानी रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन अभिभावकों को भी शिकायत दर्ज करानी होगी। उन्होंने कहा, “अगर अभिभावक शिकायत नहीं करेंगे, तो कार्रवाई में मुश्किल होगी। शिकायत मिलने पर उचित कार्रवाई की जाएगी।” हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि शिकायत किस प्लेटफॉर्म पर दर्ज कराई जाए, तो वह स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
विधायकों ने जताई नाराजगी
बोकारो विधायक श्वेता सिंह ने भी निजी स्कूलों की मनमानी पर नाराजगी जताई। उन्होंने कहा, “मेरी बेटी भी निजी स्कूल में पढ़ती है। वहां एडमिशन के नाम पर बार-बार दबाव बनाया जाता है। सरकार को इस पर ठोस नीति बनानी चाहिए।”
वामपंथी विधायक अरूप चटर्जी ने कहा कि यह कोई पहला मामला नहीं है। उन्होंने कहा, “हर बार यह मुद्दा उठता है, लेकिन सरकार कार्रवाई करने में नाकाम रहती है। अभिभावकों को राहत दिलाने के लिए सख्त कानून बनाना जरूरी है।”
विपक्ष ने सरकार को घेरा
इस मुद्दे पर विपक्षी दलों ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यदि निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक नहीं लगाई गई, तो वे सदन में प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने मांग की कि सरकार एक हेल्पलाइन नंबर जारी करे, जहां अभिभावक अपनी शिकायत दर्ज करा सकें और उस पर तुरंत कार्रवाई हो।