Ranchi: झारखंड में औद्योगिक इको सिस्टम में सुधार के लिए जियाडा और स्टेकहोल्डर्स के सहयोगात्मक प्रयासों पर चर्चा के लिए शनिवार को जियाडा के सचिव राजेश कुमार सिंह और फेडरेशन ऑफ झारखण्ड चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के पदाधिकारियों की एक संयुक्त बैठक जियाडा भवन में हुई। बता दें कि इस बैठक का आयोजन जियाडा सचिव के द्वारा किया गया था। बैठक में राज्य के औद्योगिक विकास से जुडे बिंदुओं पर सकारात्मक चर्चा हुई । गहन विमर्श के बाद यह तय किया गया कि इस तरह की एक वृहद् बैठक कुछ दिनों बाद फिर जियाडा के प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में होगी।
आज के इस बैठक में औद्योगिक इकाइयों की समस्याओं पर चैंबर ने अपने पूर्व में दिये गये ज्ञापन के निष्पादन पर भी चर्चा की। इस संबंध में जानकारी देते हुए महासचिव आदित्य मल्होत्रा ने कहा कि यह चर्चा झारखंड में उद्योगों के विकास और राज्य के आर्थिक् विकास में योगदान देनेवाली प्रभावशाली रणनीतियों की नींव रखेगी।
इसके साथ ही लॉजिस्टीक पार्क उप समिति की बैठक भी झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स के चैंबर भवन में संपन्न हुई। राज्य में प्रभावी लॉजिस्टीक पॉर्क पॉलिसी के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए, इसके कुछ प्रमुख बिंदुओं पर चिंता जाहिर की गई। पॉलिसी के माध्यम से स्थानीय स्तर पर अधिकाधिक उद्यमियों को लाभान्वित करने के उद्देश्य से कमिटी की पुनः आयोजित होनेवाली बैठक में इसकी समीक्षा करने की बात कही गई। नॉन आरसीसी भवनों पर प्रति स्क्वॉयर फीट 14 फीसदी की दर में बढोत्तरी कर 1722 रू0 प्रति स्क्वॉयर फीट की दर से लेबर सेस का भुगतान करने की बाध्यता से होनेवाली कठिनाई पर चर्चा करते हुए इसे अव्यवहारिक बताया गया। कहा गया कि नियमावली में स्पष्ट है कि कुल दर का 1 फीसदी लेबर सेस भुगतान करना है किंतु उदाहरण में गलत उल्लेख होने के कारण विभाग द्वारा उसी को मान्य किया जा रहा है, जिसकी समीक्षा होनी चाहिए।
वहीं उप समिति के चेयरमेन अविराज अग्रवाल ने कहा कि यह दर केवल आरसीसी भवनों पर मान्य होनी चाहिए, जबकि नॉन आरसीसी भवनों पर भी इसी दर को प्रभावी किया गया है। लेबर सेस का भुगतान एक समान होने के कारण परेशानी हो रही है। यह निर्णय लिया गया कि जल्द ही श्रमायुक्त के साथ मिलकर, इस समस्या के समाधान का प्रयास किया जायेगा। यूसी केस के मामले में शिथिलता बरते जाने की आवश्यकता बताते हुए कहा गया कि जब तक राज्य में भवन नियमितीकरण योजना प्रभावी नहीं हो जाती तब तक यूसी केस के मामले में शिथिलता बरतनी चाहिए। इससे लोग अनावश्यक परेशानियों से बचेंगे।
सदस्यों ने रांची की तर्ज पर सरकार से रिंग रोड समेत अन्य जिलों में अतिरिक्त ट्रांसपोर्ट नगर का निर्माण करने के साथ ही एक्सपोर्ट हाउस का निर्माण करने पर विचार का आग्रह किया। इसे लेकर चैम्बर अध्यक्ष परेश गट्टानी ने समस्त मामलों में विभागीय स्तर पर वार्ता करने की बात कही। चर्चाओं के क्रम में निरसा लॉजिस्टिक पार्क में चैंबर की सहभागिता के लिए विभागीय स्तर पर पत्राचार करने की भी सहमति बनाई गई। रिंग रोड में लाइट और सीसीटीवी की पर्याप्त व्यवस्था हो तथा वेयरहाउस में सोलर पावर का उपयोग कैसे बढ़े, इसपर भी बैठक में विधिवत् चर्चा हुई।
बैठक में चैंबर के उद्योग उप समिति चेयरमेन अजय भंडारी, विनोद कुमार अग्रवाल और दिगंबर उपस्थित थे।
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