JharkhandNews: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और ओडिशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में फिर से सदस्यता ग्रहण कर अपनी सक्रिय राजनीति की नई पारी का आगाज किया। उनकी वापसी का यह कार्यक्रम झारखंड की राजनीति और बीजेपी के लिए एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम साबित हो सकता है।
कार्यकर्ताओं से किया भावुक अपील
रघुवर दास ने सदस्यता लेने के बाद जनता और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा,
“हम फिर वापस आएंगे। वी विल कम बैक सून।”
उन्होंने कार्यकर्ताओं को बीजेपी के सदस्यता अभियान को तेजी से बढ़ाने की अपील की और कहा,
“हर गली, हर घर जाएं, हर दरवाजे पर दस्तक दें और नए लोगों को बीजेपी से जोड़ें।”
उन्होंने अपने संबोधन का अंत एक कविता के साथ किया:
जिस पल की मुझे महीनों से थी आस,
आज उसे आपकी उपस्थिति बनाती है खास।
खत्म करके अपनी जिम्मेदारी का प्रवास,
आज अपने घर आया है आपका दास।
कार्यक्रम में दिग्गजों की मौजूदगी
रघुवर दास की सदस्यता ग्रहण करने के इस कार्यक्रम में झारखंड बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल हुए। इनमें बाबूलाल मरांडी, रविंद्र कुमार राय, नागेंद्र त्रिपाठी, कर्मवीर सिंह और राकेश प्रसाद जैसे नेता मौजूद थे। यह न केवल झारखंड बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी बीजेपी के लिए एक रणनीतिक घटनाक्रम माना जा रहा है।
रघुवर दास की पार्टी में वापसी
रघुवर दास झारखंड के इतिहास में एकमात्र मुख्यमंत्री हैं, जिन्होंने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा किया। उनकी यह उपलब्धि उन्हें पार्टी में एक मजबूत और भरोसेमंद नेता के रूप में स्थापित करती है। उनकी वापसी को झारखंड बीजेपी के लिए एक नई ऊर्जा और दिशा के रूप में देखा जा रहा है।
बीजेपी की नई रणनीति का हिस्सा?
पिछले विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी झारखंड में मजबूत नेतृत्व की तलाश में थी। रघुवर दास की वापसी को इस दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। चर्चा है कि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है, जो पार्टी के लिए नए सिरे से संगठनात्मक मजबूती का आधार बन सकता है।रघुवर दास की वापसी से उनके समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं में नई उम्मीदें जगी हैं। पार्टी के भीतर उनके नेतृत्व क्षमता और अनुभव को लेकर सकारात्मक माहौल है।
क्या रघुवर दास होंगे नए प्रदेश अध्यक्ष?
झारखंड बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का चयन फरवरी में होना है। रघुवर दास का नाम इस पद के लिए चर्चा में है। अगर उन्हें यह जिम्मेदारी मिलती है, तो यह पार्टी के लिए रणनीतिक रूप से फायदेमंद साबित हो सकता है। रघुवर दास की सक्रिय राजनीति में वापसी ने राजनीतिक हलकों में चर्चाओं को जन्म दिया है। इसे पार्टी की साख को वापस लाने और नेतृत्व को पुनर्गठित करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है।
रघुवर दास की बीजेपी में वापसी झारखंड और राष्ट्रीय राजनीति में एक बड़ा बदलाव ला सकती है। उनके अनुभव, नेतृत्व क्षमता और संगठनात्मक कौशल से पार्टी को लाभ मिलने की पूरी संभावना है। यह देखना दिलचस्प होगा कि पार्टी उन्हें क्या भूमिका देती है और वे झारखंड में बीजेपी को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में कितने सफल होते हैं।
रिपोर्ट : विकास कुमार