Jharkhand: गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर दिल्ली में आयोजित होने वाले राष्ट्रीय कार्यक्रम में झारखंड की झांकी लगातार तीसरी बार अपनी विशिष्ट पहचान बनाएगी। इस वर्ष झारखंड की झांकी में राज्य की समृद्ध संस्कृति, पारंपरिक नृत्य, शिक्षा में नारीशक्ति के बढ़ते कदम और स्वर्गीय श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि जैसे विशेष पहलुओं को दर्शाया जाएगा।
इससे पहले 2024 में झारखंड की झांकी ने तसर सिल्क पर आधारित अपनी भव्य प्रस्तुति से देशवासियों का ध्यान खींचा था। इस बार झारखंड की झांकी को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने तैयारियां शुरू कर दी हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर झारखंड की पहचान
केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से झांकियों के प्रारूप मांगे गए थे। कई चरणों की चयन प्रक्रिया के बाद 15 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की झांकियों का चयन किया गया। झारखंड की झांकी के प्रारूप को अधिकारियों ने खासा सराहा है।
19 जनवरी 2025 तक नई दिल्ली में सभी चयनित झांकियों को अंतिम रूप देना होगा। इसके बाद 23 जनवरी को कर्तव्य पथ पर झांकियों का रिहर्सल किया जाएगा।
राज्य की धरोहर को मिलेगी राष्ट्रीय पहचान
झारखंड की झांकी के निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। राज्य के कला दल को तैयारियों के लिए जल्द ही रक्षा मंत्रालय की राष्ट्रीय रंगशाला, नई दिल्ली भेजा जाएगा। सूचना एवं जनसंपर्क विभाग के विशेष सचिव सह निदेशक राजीव लोचन बख्शी ने कहा, “यह राज्य की समृद्ध संस्कृति को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रदर्शित करने का महत्वपूर्ण अवसर है। झारखंड की झांकी के प्रदर्शन में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।”
झारखंड की झांकी में क्या रहेगा खास?
- स्वर्गीय श्री रतन टाटा को श्रद्धांजलि।
- पारंपरिक नृत्य और राज्य की सांस्कृतिक धरोहर।
- शिक्षा में नारीशक्ति के बढ़ते कदम।
- झारखंड की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत।
झारखंड के लोग इस झांकी के माध्यम से अपने राज्य की धरोहर को देश और दुनिया के सामने प्रस्तुत करने को लेकर उत्साहित हैं। गणतंत्र दिवस परेड में झारखंड की इस झांकी का प्रदर्शन न सिर्फ राज्य की पहचान को और मजबूती देगा, बल्कि यहां की समृद्ध विरासत को भी गौरवान्वित करेगा।