Wednesday, March 26, 2025
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आजादी के 77 साल बाद कबाड़खाने में क्यों हैं शहीद-ए-आजम भगत सिंह?

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Ranchi: आजादी के 77 साल बाद एक बार फिर शहीद-ए-आजम भगत सिंह पुलिस की कैद में हैं। दरअसल, आज भगत सिंह की 94वां शहादत दिवस है। जिस उम्र में युवा मौज-मस्ती करते हैं, महज 23 वर्ष की उम्र में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के साथ-साथ सुखदेव और राजगुरु ने देश के लिए हंसते-हंसते फांसी के फंदे को गले से लगा लिया था। लेकिन, रांची नगर निगम और जिला प्रशासन उनकी प्रतिमा को सम्मान देने के बजाए कबाड़खाना में रखे हुए है। यह एक बड़ा प्रश्न है, जहां पूरी दुनिया उनकी शहादत का सम्मान करती है, वहीं झारखंड की राजधानी में भारत माता के इस वीर सपूत का अपमान क्यों? आज भगत सिंह के शहादत दिवस पर संगठन राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं ने रांची पुलिस लाइन मैदान में जब्त कर रखी गई भगत सिंह की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी और रांची नगर निगम सहित रांची जिला प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए।

नगर निगम और जिला प्रशासन ने किया भगत सिंह का अपमान: उत्तम यादव

राष्ट्रीय युवा शक्ति के अध्यक्ष उत्तम यादव ने कहा कि दो साल पहले हम लोगों ने शहीद-ए-आजम भगत सिंह की एक विशाल प्रतिमा बनाई थी। रांचीवासियों के सहयोग से नगर निगम के द्वारा और मोराबादी मैदान में प्रतिमा स्थापित करने के लिए हम लोगों को जगह दी गई थी। लेकिन, 23 मार्च 2023 को जब प्रतिमा स्थापित करने का समय आया, तो जिला प्रशासन ने प्रतिमा जब्त कर इसे रांची पुलिस लाइन के कबड़खाने में रख दिया। उन्होंने आगे कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पूरी दुनिया भगत सिंह की शहादत को सलाम करती है, लेकिन रांची जिला प्रशासन और नगर निगम दो साल से उनका अपमान कर रही है।

झारखंड में राजनीति की भेंट चढ़ गया एक शहीद क्रांतिकारी: शैलेश नंद तिवारी

संगठन के केंद्रीय प्रवक्ता शैलेश नंद तिवारी ने कहा हम लोगों के द्वारा मेहनत और रांची वासियों के सहयोग से देश की सबसे ऊंची शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने का संकल्प लिया है। लेकिन राजनीतिक षड्यंत्र के कारण प्रतिमा बनने के दो साल बाद भी शहीद-ए-आजम की प्रतिमा स्थापित नहीं हो पाई है। उन्होंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि एक शहीद क्रांतिकारी झारखंड में राजनीति की भेंट चढ़ गया।

क्या है पूरा मामला

राष्ट्रीय युवा शक्ति के कार्यकर्ताओं ने 3 साल पहले रांची नगर निगम को पत्र देकर शहीद-ए-आजम भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जगह की मांग की थी। जिसके बाद नगर निगम ने मोराबादी मैदान स्थित बापू वाटिका के बगल में जगह आवंटित किया था। लेकिन, 23 मार्च 2023 को जब प्रतिमा लगाने का समय आया, तो प्रशासन ने प्रतिमा को जब्त कर लिया। राष्ट्रीय युवा शक्ति के लोगों ने बताया कि महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास भगत सिंह की प्रतिमा स्थापित करने के बाद वह प्रतिमा ज्यादा बड़ी होती। इस कारण बापू की प्रतिमा के समक्ष भगत सिंह की बड़ी प्रतिमा होने के बाद विचारधारा की लड़ाई उत्पन्न हो सकती है। इस कारण जिला प्रशासन ने प्रतिमा स्थापित करने की इजाजत नहीं दी। उसके बाद प्रतिमा को जब्त कर रांची के पुलिस लाइन मैदान में रख दिया गया और तब से संगठन के लोग आंदोलनरत हैं।

 

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