Friday, March 21, 2025
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रामेश्‍वर उरांव बोले- मंत्री मेरा भतीजा, प्रश्‍न नहीं पूछेंगे, सिर्फ सुझाव देंगे

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Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 14वें दिन गुरुवार को लोहरदगा विधायक डॉ रामेश्‍वर उरांव ने जल संसाधन मंत्री को कई अहम सुझाव दिये। उन्‍होंने ध्‍यानाकर्षण के माध्‍यम से बताया कि सरकार का जवाब आया है कि जल संसाधन आयोग का गठन प्रक्रियाधीन है, इसके लिए मंत्री हफीजुल हसन को पूरे मन से से आधा धन्‍यवाद देता हूं। जब आयोग का गठन हो जायेगा और वो कार्य करने लगेगा, तब पूरे मन से पूरा धन्‍यवाद देंगे।

बड़ी की जगह छोटी-छोटी परियोजनाएं लाकर पूरी करे सरकार

डॉ उरांव ने आगे कहा कि बुधवार को जल संसाधन विभाग के बजटीय प्रावधान में वाद-विवाद को हम सब सुन रहे थे। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 2011 में राज्‍य में जल नीति बनी, पर उन्‍हें नहीं लगता है कि इस पर कोई काम हो पाया। उन्‍होंने सलाह दिया कि राज्‍य जल नीति को लागू कराने और आगे बढ़ाने की दिशा में काम कराएं। उन्‍होंने कहा कि वर्ष 1978 में स्‍वर्णरेखा परियोजना बनी, पर 46 साल बाद भी वह पूरी नहीं हो पाई है। इसलिए, विभागीय मंत्री को सलाह है कि बड़ी की जगह छोटी-छोटी परियोजनाएं लाएं, जिससे लागत भी कम आयेगी और उसे पूरा भी किया जा सकेगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि नहर, चेक डैम में 10-12 साल के बाद गाद भर जाता है। इस पर भी ध्‍यान देने की जरूरत है।

चेक डैम में सोलर ड्रिफ्ट लगा कर खेती कराने का दिया सुझाव

इस दौरान विधानसभा अध्‍यक्ष रविन्‍द्र कुमार महतो ने डॉ रामेश्‍वर उरांव से कहा कि आप मंत्री से जबाव जान लीजिये। लेकिन, डॉ उरांव ने कहा कि मंत्री हफीजुल हसन अंसारी उनके भतीजा हैं और वे उनसे प्रश्‍न नहीं पूछेंगे। वे सिर्फ यही चाहते हैं कि मंत्री उनकी सलाह को ग्रहण कर ग्रहण कर लें। उन्‍होंने विभागीय मंत्री को यह भी सुझाव दिया कि चेक डैम में सोलर ड्रिफ्ट लगा कर खेती कराई जा सकती है। सीमांत किसानों के लिए कुआं और तालाब की व्‍यवस्‍था की जानी चाहिये। इसके साथ ही उन्‍होंने सिंचाई विभाग में बजट की राशि को भी कम बताया।

छोटी-छोटी परियोजनाएं लाने के साथ झालको को भी जिंदा करेंगे

मंत्री हफीजुल हसन अंसारी ने कहा कि सीपी सिंह चचा के बाद डॉ रामेश्‍वर उरांव इस सदन में सबसे वरिष्‍ठ सदस्‍य हैं। उन्‍होंने बहुत अच्‍छा सुझाव दिया। बुधवार को भी उन्‍होंने अपने बजट भाषण में उन्होंने छोटी-छोटी परियोजनाएं लाने की बात कही है। साथ ही कहा कि झालको को भी जिंदा करेंगे। झालको में ग्राम सभा के माध्‍यम से काम होता है और बाकी में टेंडर के तहत काम होता है। इसके साथ ही झारखंड जल नीति की इस बार समीक्षा कर जो भी सुझाव आएं हैं, उसपर ध्‍यान देंगे।

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