Jharkhand: झारखंड सरकार बांस से बने उत्पादों की मांग और बाजार की संभावनाओं का आकलन करेगी। कृषि मंत्री शिल्पी नेहा तिकीं ने हेसाग के पशुपालन भवन में सहकारिता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर यह निर्देश दिया। उन्होंने राज्य में बांस उत्पादों को बढ़ावा देने और इसके व्यावसायिक उपयोग पर जोर दिया।
मार्च तक एक्शन मोड, अप्रैल से मिशन मोड
मंत्री ने कहा कि पहले चरण में मार्च 2025 तक अधिकारियों को एक्शन मोड में काम करना होगा, इसके बाद अप्रैल से मिशन मोड में योजनाओं को लागू किया जाएगा। उन्होंने हरी सब्जियों के रिटेल आउटलेट बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया, जिससे किसानों को उचित मूल्य मिल सके। बैठक में बताया गया कि राज्य में 10 नए आउटलेट्स के लिए टेंडर प्रक्रिया जारी है।
वन उपज और लाह को मिलेगा बाजार
वन उपज के उचित मूल्य और बाजार उपलब्ध कराने पर भी बैठक में चर्चा हुई। मंत्री ने लाह के क्रय-विक्रय को सुगम बनाने के लिए विशेष योजना बनाने के निर्देश दिए। वन डिस्ट्रिक्ट-वन प्रोग्राम के तहत प्रत्येक जिले में उपयुक्त उत्पाद का चयन कर उसे बढ़ावा देने पर भी सहमति बनी।
गिरिडीह और सिमडेगा में बनेगी राइस मिल
बैठक में गिरिडीह और सिमडेगा में राइस मिल स्थापित करने की योजना पर भी चर्चा हुई। गिरिडीह में इस परियोजना की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। यह राइस मिल 4 टन प्रति घंटा की क्षमता वाली होगी।सरकार के इन फैसलों से झारखंड के किसानों और वन उपज उत्पादकों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और बांस सहित अन्य कृषि उत्पादों का व्यावसायिक विस्तार होगा।