KhabarMantraLive: पहले गौर से तस्वीर को देख लीजिये… उसके बाद अचानक मुलाकात का आकलन करना शुरू कीजिये..। तस्वीर देखने के बाद यह भी मान लीजिये कि अडाणी से हेमंत सोरेन की बीते छह महीने में यह दूसरी मुलाकात है। लेकिन पहला मौका है जब अडाणी खुद हेमंत से मिलने झारखंड की राजधानी रांची पहुंचे..! अब झारखंड की राजनीति में एक नई बहस शुरू होने वाली है…! पानी पी-पीकर सत्ता में शामिल राजनीतिक दल अडाणी को कोसते रहे हैं… लेकिन अब क्या होगा , यही एक अहम सवाल है? सोशल मीडिया पर सवाल उठ रहे हैं कि क्या निवेश आयेगा..? क्या रोजगार के अवसर पैदा होंगे? या फिर सदन के पटल पर अडाणी पावर प्लांट को दी गई जमीन के सवाल को मटियामेट किया जायेगा..!
जो भी हो उद्योगपति अडानी को पता है कब किसे कितना तूल देना है और कहां चुप कर देना है। आप एक बात मान लीजिये कि इस मुलाकात से दो बातें निकलेंगी। या तो हेमंत सोरेन अडानी को और भी अधिक संभावनाएं मुहैया कराएंगे और या प्रदीप यादव का कद घटा दिया जाएगा। क्योंकि विगत वर्षों से पौड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव अडानी के साहेबगंज पावर प्लांट के जमीन अधिग्रहण पर गड़बड़ी का आरोप लगाते आ रहे हैं।
इस पर लोगों की कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी रही हैं, कुछ लोगों ने श्री यादव पर ही कंपनी से उगाही का प्रयास का मामला बता दिया तो कुछ ने एसपीटी एक्ट का हवाला दिया। अब अडानी खुद ही पहुंचे हैं तो मामला सामान्य तो नहीं होगा।
सवाल तो यह भी है कि जो आदमी कांग्रेस के इकोसिस्टम का सरपंच हिंडेनबर्ग को मटियामेट कराकर सोरोस की बोलती बंद कर दे उसके लिए झारखंड जैसे छोटे प्रदेश की सरकार को हिला देना कौन सी बड़ी बात है। वैसे भी कांग्रेस और झामुमो विधायकों के बीच तल्खी बढ़ती जा रही है, कहीं दुनिया के सबसे तेज तर्रार जौहरी अडानी ने हीरे की चमक बिखेर दी तो कांग्रेस और झामुमो के बीच दरार ऐसी बढ़ेगी कि वह हो जाएगा जो सोचा ना होगा।
इसलिये फॉर्च्यून तेल देखिये और तेल की धार देखिये…. झारखंड में राजनीति की बयार देखिये…!