KhabarMantraLive: मकर संक्रांति का पर्व हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व रखता है। इस वर्ष मकर संक्रांति 14 जनवरी, मंगलवार को मनाई जाएगी। खगोलीय दृष्टि से इस दिन सूर्य देव अपने मार्ग में परिवर्तन करते हुए धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं। मकर राशि में सूर्य का यह गोचर दोपहर 3:36 बजे होगा।
यह पर्व न केवल धार्मिक दृष्टि से बल्कि सामाजिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है। इस दिन से खरमास का अंत होता है और शुभ कार्य जैसे विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि के लिए शुभ समय का आरंभ होता है। मकर संक्रांति पर स्नान, दान, और उपवास का विशेष महत्व है।
प्रयागराज महाकुंभ मेले का शुभारंभ
मकर संक्रांति के साथ ही इस बार प्रयागराज में महाकुंभ मेले का शुभारंभ हो रहा है। महाकुंभ मेला धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व प्रसिद्ध है। 14 जनवरी को पहला अमृत स्नान होगा। यह महाकुंभ मेला 26 फरवरी तक चलेगा।
श्रद्धालु इस अवसर पर गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम में स्नान करके आत्मशुद्धि और पुण्य अर्जित करते हैं। संगम पर स्नान करने से मनुष्य के समस्त पापों का नाश होता है और मोक्ष की प्राप्ति का मार्ग प्रशस्त होता है।
माघ स्नान और कल्पवास का महत्व
माघ मास हिंदू धर्म में तप, संयम, और भक्ति का विशेष महीना माना गया है। माघ मास 14 जनवरी से शुरू होकर 12 फरवरी तक चलेगा। इस दौरान श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर कल्पवास करते हैं।
कल्पवास का अर्थ है संयमित जीवन जीते हुए तपस्या करना, जो आत्मशुद्धि और आध्यात्मिक उत्थान के लिए महत्वपूर्ण है।
- काशी के दशाश्वमेध घाट पर भी माघ स्नान का महत्व है।
- माघ स्नान सूर्योदय से पहले किया जाता है। इसे करने से अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है।
मकर संक्रांति पर क्या करें दान और क्या खाएं?
दान करने का महत्व:
मकर संक्रांति के दिन दान को अत्यधिक शुभ माना जाता है। ऐसा विश्वास है कि इस दिन किया गया दान कई गुना पुण्य प्रदान करता है।
- तिल, गुड़, चूड़ा, दही, कंबल, और वस्त्र का दान करें।
- गौदान (गाय दान) और अन्नदान का भी विशेष महत्व है।
भोजन में क्या खाएं:
- दिन में तिलकुट, गुड़, चूड़ा, और दही का सेवन करें।
- रात में खिचड़ी खाने की परंपरा है। यह पाचन के लिए भी लाभकारी होती है और इस दिन का प्रमुख भोजन माना जाता है।
गुप्त नवरात्र और विशेष तिथियां
माघ मास में कई महत्वपूर्ण तिथियां और त्यौहार आते हैं, जिनका धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टि से विशेष महत्व है।
- 30 जनवरी से 7 फरवरी: गुप्त नवरात्र। इस दौरान श्री महा सरस्वती देवी की आराधना करें।
- 1 फरवरी: गणेश चतुर्थी। भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का दिन।
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा। यह दिन शिक्षा, विद्या और कला के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
- 4 फरवरी: अचला सप्तमी। इसे सूर्य सप्तमी भी कहते हैं।
- 8 फरवरी: अचला एकादशी। यह व्रत मोक्ष और पवित्रता प्रदान करता है।
ध्यान दें: माघ मास में संयम का पालन करें
माघ मास में संयम और साधना को विशेष महत्व दिया गया है। इस दौरान कुछ विशेष नियमों का पालन करें:
- मूली का सेवन वर्जित है।
- सात्विक भोजन ग्रहण करें और अनावश्यक विवाद और क्रोध से बचें।
- इस समय अधिक से अधिक ध्यान, साधना, और पुण्य कर्म करें।
मकर संक्रांति का आध्यात्मिक महत्व
मकर संक्रांति केवल धार्मिक पर्व नहीं है; यह हमें प्रकृति और अध्यात्म से जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। सूर्य के उत्तरायण होने के साथ, यह हमें सकारात्मक ऊर्जा, नई शुरुआत, और धर्म के मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है।
इस मकर संक्रांति पर, स्नान, दान, और पुण्य अर्जित करके अपनी आध्यात्मिक यात्रा को सुदृढ़ बनाएं।