KhabarMantraLive: प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का आयोजन 13 जनवरी से 26 फरवरी के बीच होगा। इस ऐतिहासिक और धार्मिक आयोजन में 45 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना है। उत्तर प्रदेश सरकार और सुरक्षा एजेंसियां इसे सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का सहारा ले रही हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के लिए एक अभेद्य सुरक्षा तंत्र तैयार किया गया है। एनएसजी, एटीएस, एनडीआरएफ और जल पुलिस समेत विभिन्न एजेंसियों के सहयोग से सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।
सुरक्षा के हाईटेक इंतजाम:
- ड्रोन और एआई कैमरे:
आयोजन स्थल पर 2,700 एआई कैमरे लगाए गए हैं, जो हर गतिविधि पर पैनी नजर रखेंगे। इसके अलावा, 113 अंडरवाटर ड्रोन जल मार्गों की निगरानी करेंगे। - सुरक्षाकर्मियों की तैनाती:
लगभग 40,000 सुरक्षाकर्मी, जिसमें पुलिस, साइबर एक्सपर्ट और होमगार्ड शामिल हैं, चौबीसों घंटे ड्यूटी पर रहेंगे। - मल्टी-लेयर सुरक्षा:
संगम क्षेत्र, प्रमुख मंदिरों और अखाड़ों को “अभेद्य सुरक्षा चक्रव्यूह” के तहत संरक्षित किया गया है। - हवाई निगरानी:
आपात स्थिति से निपटने के लिए MI-7 हेलीकॉप्टर तैनात किए गए हैं। - आतंक विरोधी अभ्यास:
सुरक्षा तैयारियों को जांचने के लिए 9 घंटे की मॉक ड्रिल आयोजित की गई। एनएसजी कमांडो ने आतंकियों से निपटने और बंधक बचाव का अभ्यास किया।
श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध:
- परिवहन और सुरक्षा:
सात प्रमुख मार्गों पर 102 चौकियां बनाई गई हैं। - जल पुलिस की तैनाती:
नावों और जल मार्गों की सुरक्षा के लिए विशेष टीमें सक्रिय रहेंगी। - विशेष निगरानी:
मंदिरों और संगम क्षेत्र में हाईटेक सुरक्षा कवच लगाया गया है।
महाकुंभ की प्रमुख स्नान तिथियां:
- 14 जनवरी: मकर संक्रांति
- 29 जनवरी: मौनी अमावस्या
- 3 फरवरी: बसंत पंचमी
मेले की अभेद्य सुरक्षा व्यवस्था:
- 10 जोन, 25 सेक्टर, 56 पुलिस स्टेशन और 155 चौकियां।
- 37,000 पुलिसकर्मी, 10,000 अधिकारी, 14,000 होमगार्ड, और 3,000 महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती।
- 155 घुड़सवार पुलिस 24 घंटे गश्त करेंगी।
- 5150 आरपीएफ जवान और 8000 जीआरपी पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे।
- 2700 सीसीटीवी कैमरे और 30 ड्रोन निगरानी टीम।
- 7000 फायर सर्विस जवान तैनात रहेंगे।
धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन का प्रतीक:
हर 12 साल में होने वाला यह आयोजन भारत की सांस्कृतिक विविधता और आस्था का प्रतीक है। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती के संगम पर डुबकी लगाकर श्रद्धालु अपने पापों से मुक्ति पाते हैं।
महाकुंभ 2025 के लिए सुरक्षा और व्यवस्थाओं की तैयारियां इसे दुनिया के सबसे सुरक्षित और भव्य आयोजनों में शामिल करती हैं।
रिपोर्ट : विकास कुमार