KhabarMantraLive: कटरा-श्रीनगर रेल सेवा का शुभारंभ जल्द होने वाला है, जो जम्मू-कश्मीर ही नहीं, बल्कि पूरे भारत के लिए ऐतिहासिक क्षण होगा। यह रेल मार्ग न केवल आवागमन को सुगम बनाएगा, बल्कि क्षेत्र के आर्थिक और पर्यटन विकास में भी क्रांतिकारी बदलाव लाएगा।
दुर्गम पहाड़ियों में बनी अनूठी परियोजना
भारत सरकार ने वर्ष 1999 में कश्मीर घाटी को देश के अन्य हिस्सों से जोड़ने के लिए उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (USBRL) परियोजना की शुरुआत की थी, जिसे 2002 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया। हिमालय की दुर्गम पहाड़ियों में तैयार किया गया यह रेल मार्ग देश की सबसे चुनौतीपूर्ण रेलवे परियोजनाओं में से एक है।
इस 119 किलोमीटर लंबे मार्ग में कुल 38 सुरंगें और 931 पुल बनाए गए हैं, जिनकी कुल लंबाई 13 किलोमीटर है। इसमें भारत की सबसे लंबी रेल सुरंग टी-49 (12.75 किमी) और पीर पंजाल सुरंग (11.2 किमी) भी शामिल है।
दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल
इस परियोजना का मुख्य आकर्षण है चिनाब ब्रिज, जो दुनिया का सबसे ऊंचा रेलवे पुल है। यह पुल 359 मीटर ऊंचा और 1,315 मीटर लंबा है। इसके अलावा, भारत का पहला केबल-आधारित रेल पुल अंजी ब्रिज भी इसी प्रोजेक्ट का हिस्सा है।
प्रधानमंत्री जल्द दिखाएंगे हरी झंडी
जल्द ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस बहुप्रतीक्षित रेल सेवा को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे। ट्रेन सेवा शुरू होने के बाद कटरा से बारामूला तक का सफर न केवल तेज और सुविधाजनक होगा, बल्कि यात्रियों का समय भी बचेगा। इसके साथ ही कश्मीर घाटी में पर्यटन और व्यापार को भी नई रफ्तार मिलेगी।
परिवहन का गेम चेंजर साबित होगी सेवा
यह रेल सेवा जम्मू-कश्मीर के विकास में अहम भूमिका निभाएगी। इससे न केवल स्थानीय लोगों को यात्रा में सहूलियत मिलेगी, बल्कि पर्यटक भी आसानी से घाटी तक पहुंच सकेंगे। व्यापारियों को माल ढुलाई में भी काफी राहत मिलेगी, जिससे क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा।
Read More :- बजट सत्र के अंतिम दिन झारखंड विधानसभा में दिखी सरहुल पर्व की झलक
Read More :- नीरज सिंह हत्याकांड के आईओ निरंजन तिवारी को जान का खतरा, अदालत में सुरक्षा की मांग
Read More :- एक्जीक्यूटिव डेवलपमेंट प्रोग्राम’ में छात्रों, प्रोफेशनल्स और गृहिणियों ने सीखे करियर संवारने के गुर