Monday, December 23, 2024
spot_img
HomeJharkhandमजाक मजाक में... झंडीमार मुद्दा कहां से लाते हो बे...?

मजाक मजाक में… झंडीमार मुद्दा कहां से लाते हो बे…?

Join Our WhatsApp ChannelJoin Now

रशिकलाल अचानक किसी वायरस के शिकार हो गये…! पंचायत में उस वायरस पर बहस हुई…! अस्पताल में भर्ती रशिकलाल को भी पंचायत में स्ट्रेचर पर लाया गया…! उधर लुभावन मियां ब्रांडेड और स्टाईलिश बनकर पंचायत में पहुंचे… और अन्य पंचायत प्रतिनिधियों की उपस्थिति में वायरस पर बहस शुरू हुई…! रशिकलाल ने लुभावन मियां पर आरोप लगाते हुए कहा कि- सभापति महोदय, मामला बहुत गंभीर है… मेरे मित्र और जनप्रतिनिधि लुभावन मियां ने मेरे बगल में बैठ कर अपने अतरंगी वायरस को अपने पृष्टभाग से निकाल कर मेरे नथुने के माध्यम से मेरे शरीर में भेजकर मुझे संक्रमित किया है… इसकी जांच होनी चाहिये…!

लुभावन मियां – सभापति महोदय, रशिकलाल के तमाम आरोप बेबुनियाद हैं…! मैंने बहुत ही खामोशी के साथ पृष्टभाग से हवा पास की थी, जिसमें किसी भी प्रकार का वायरस नहीं था…! पूरी सभा आपको बता सकती है कि किसी भी प्रकार की आवाज भी नहीं आई थी…! रशिकलाल- सभापति महोदय, मैं यह मानता हूं कि लुभावन मियां के पाद में वायलेंट ब्लास्ट नहीं था, लेकिन अपने पाद को यह इनोसेंट पाद बता रहे हैं, वह भी न्यायोचित नहीं है…! इनके पाद के सस्पेंस थ्रिलर के बारे में पूरी सभा को जानना चाहिये…! लुभावन मियां अक्सर भरी सभा में बैठकर “थुरथुरी पाद” करने के आदी रहे हैं…! इसकी आवाज जमीन में दबकर रह जाती है… और माटी के अन्दर रहने वाले कीटाणु उसके बायब्रेशन से बाहर आकर किसी न किसी को शिकार बनाते हैं… और उन्हीं कीटाणुओं का संक्रमण मेरे उपर हुआ है…!

पंचायत ने दोनों के आरोप-प्रत्यारोप के बाद कहा कि मानव सभ्यता में पाद हमेशा से एक ऐसा विषय रहा है, जो सुनने में हल्का लगता है, लेकिन असर भारी छोड़ता है। यह एक प्राकृतिक घटना है, जिसे लोग छुपाने की कोशिश करते हैं, लेकिन जब यह प्रकट होती है, तो माहौल में भूचाल आ जाता है। पाद भले ही साइलेंट हो लेकिन वह ऐसे किलर की तरह है, जिसमें किलर की पहचान करना मुश्किल है…! लुभावन मियां के पाद के बाद यह बात सामने आई है कि “थुरथुरी पाद” नामक नया संक्रमण लोगों को नुकसान पहुंचा सकता है…! इसलिय इस प्रकार के पाद को इनोसेंट पाद की श्रेणी में न रखा जाये…! चूंकि यह अमीरों की पाद है.. जो हल्का और प्रभावशाली होता है…! अगर पाद का असर संसद में हो, तो इसे “आवाज बुलंद करो” का उदाहरण माना जा सकता है। नेता अक्सर “विकास की गंध” पर चर्चा करते हैं, लेकिन असल गंध कहां से आती है, इसका कोई जवाब नहीं देता। वायलेंट पाद का सीधा संबंध भाषणबाजी से है… जितनी जोरदार आवाज, उतना ही बड़ा भ्रम। वहीं पाद का सामाजिक महत्व भी है लेकिन ज्यादातर मामलों में यह शर्मिंदगी का विषय है। वहीं परिवार में पाद फैमिली बांडिंग बढ़ाने का जरिया होता है। चूंकि लुभावन मियां और रशिकलाल दोनों अच्छे राजनैतिक मित्र हैं और दोस्तों की बीच पाद महज मस्ती-मजाक का टॉपिक है! अतः रशिकलाल और लुभावन मियां से सदन गुजारिश करता है कि थुरथुरी पाद के असर की नौटंकी बंद करें और पाद की नई संस्कृति को जन्म देने की बजाय राहुल गांधी की तरह अडाणी और संविधान के मुद्दे पर ही हाथापाई करें…! रशिकलाल पाद के बहाने जबरन प्रताप सारंगी बनने का प्रयास कर रहे हैं, और उनके व्यवहार से पंचायत के नियमों की गरिमा को ठेस पहुंची है..! पंचायत की कार्रवाई समाप्त की जाती है और सदन अनिश्चितकालीन के लिये निलंबित की जाती है…!

( थोड़ी देर बाद लुभावन मियां के घर पर) मियां-अबे…ई सब झंडीमार मुद्दा कहां से लाते हो..? रशिकलाल- का समझते हो कि खाली मोदीये के पास पीआर एजेंसी है…? हमरे पास भी है… समझ गया..?

Read More : अडाणी और मणिपुर प्रकरण पर कांग्रेस का राजभवन मार्च

Read More : CM हेमंत ने बकाया के मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी को दिया दो टूक जवाब

Read More : ‘One Nation One Election’ बिल लोकसभा में पेश, JPC में जायेगा बिल

Read More : चावल तस्करों को मिलेगी कड़ी से कड़ी सजा : मंत्री इरफान अंसारी

Read More : अब राष्ट्रपति का बना डाला फेक आईडी, प्राथमिकी दर्ज

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

News Update

Recent Comments