Ranchi: 1990 बैच के IPS अनुराग गुप्ता को नियमित DGP नियुक्त करने के लिये सरकार ने मंजूरी दे दी है। उनकी नियुक्ति दो साल के लिये होगी। इस संबंध में गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग ने सोमवार दोपहर अधिसूचना जारी कर दी है। बता दें कि अनुराग गुप्ता 1990 बैच के IPS हैं और वर्तमान में झारखंड के प्रभारी DGP थे। इसके अलावा वे डीजी CID और डीजी ACB पद के अतिरिक्त प्रभार में भी हैं। नियमित DGP पद के लिये उनका कार्यकाल पुलिस महानिदेशक सह पुलिस महानिरीक्षक, झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) के चयन एवं नियुक्ति नियमावली- 2025 के नियम 10 (1) के अनुरूप होगा।

28 नवंबर को दूसरी बार प्रभारी DGP बने थे अनुराग गुप्ता
बता दें कि सरकार ने वर्ष 2022 में IPS अनुराग गुप्ता को डीजी रैंक में प्रोन्नति दी थी। इसके साथ ही उन्हें डीजी ट्रेनिंग बनाया गया था। वहीं, 26 जुलाई 2024 को उन्हें झारखंड का प्रभारी DGP बनाया गया था। लेकिन, विधानसभा चुनाव के दौरान चुनाव आयोग ने उन्हें प्रभारी DGP के पद से हटा कर IPS अजय सिंह को DGP बनाया था। हालांकि, राज्य में नयी सरकार के गठन के बाद 28 नवंबर सरकार ने IPS अनुराग गुप्ता को फिर से प्रभारी DGP बनाने की मंजूरी दे दी थी। इसके बाद 28 नवंबर को अनुराग गुप्ता ने दोबारा झारखंड के प्रभारी DGP का पद संभाला।
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हेमंत मंत्रिमंडल ने DGP नियुक्ति प्रक्रिया में किया था बदलाव
गौरतलब हो कि विगत 7 जनवरी को हेमंत मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य के DGP की नियुक्ति प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किया गया था। कैबिनेट के फैसले में झारखंड में DGP (पुलिस बल प्रमुख) पद के लिये चयन एवं नियुक्ति के लिये नियमावली 2025 को मंजूरी प्रदान की गयी थी। इसके तहत हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज की अध्यक्षता में बनी समिति राज्य के DGP का चयन करेगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना में भी DGP की नियुक्ति के लिये इसी तरह की नियमावली है।
पहले UPSC को नामों का पैनल भेजती थी राज्य सरकार
झारखंड में DGP पद पर नियुक्ति के लिये पहले राज्य सरकार वरीय IPS के नामों का पैनल UPSC को भेजती थी। इसके बाद UPSC पैनल में से तीन नामों का चयन कर राज्य सरकार को भेजता था। फिर, उन तीन नामों से किसी एक को राज्य सरकार DGP पद पर नियुक्त करती थी। इस प्रक्रिया में राज्य सरकार और UPSC के बीच विवाद होता रहता था। साथ ही साथ नियुक्ति प्रक्रिया में 3 से 4 महीने का समय भी लग जाता था।
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