Ranchi: पश्चिमी सिंहभूम के सारंडा जंगल में हुए आईईडी विस्फोट में शहीद सीआरपीएफ के सब इंस्पेक्टर को राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और सीएम हेमंत सोरेन ने श्रद्धांजलि दी। रांची के धुर्वा स्थित सीआरपीएफ 133 बटालियन के शहीद सीआरपीएफ एसआई सुनील कुमार मंडल का पार्थिव शरीर रखा गया था। राज्यपाल और सीएम ने पुष्पचक्र अर्पित कर शहीद अफसर को नमन किया। इससे पहले सीआरपीएफ के जवानों ने मातमी बैंड धुन बजाकर अपने शहीद साथी को श्रद्धांजलि दी। इस दौरान मुख्य सचिव अलका तिवारी, डीजीपी अनुराग गुप्ता, गृह सचिव वंदना दादेल के अलावा सीआरपीएफ के अफसर एवं जवान मौजूद थे।
शहीद जवान का अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान स्मरणीय रहेगा: राज्यपाल
राज्यपाल संंतोष कुमार गंगवार ने कहा कि शहीद जवान सुनील कुमार मंडल का अदम्य साहस और सर्वोच्च बलिदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनकी शहादत आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनी रहेगी। उन्होंने शहीद के परिजनों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि दुख की इस घड़ी में पूरा राष्ट्र शहीद जवान के परिवार के साथ खड़ा है।
शहीद एसआई सुनील कुमार मंडल की शहादत बेकार नहीं जायेगी: सीएम
सीएम हेमंंत सोरेन ने कहा कि शहीद एसआई सुनील कुमार मंडल का बलिदान पूरा देश याद रखेगा। उनकी शहादत बेकार नहीं जायेगी। उन्होंने कहा कि राज्य में नक्सलियों के खिलाफ जिस प्रकार से लगातार अभियान चलाया जा रहा है, उससे नक्सलियों की कमर टूट चुकी है। इसी हताशा में ऐसी वारदात को अंजाम दिया गया।
छोटानागरा के मरांगपोंगा में 22 मार्च को हुआ था आईईडी विस्फोट
गौरतलब है कि 22 मार्च को पश्चिमी सिंहभूम जिले के छोटानागरा थाना क्षेत्र अंतर्गत मरांगपोंगा इलाके में नक्सलियों के खिलाफ सर्च अभियान चलाया जा रहा था। सीआरपीएफ 193वीं बटालियन के सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल के नेतृत्व में सुरक्षाबल के जवान जंगल में अभियान चला रहे थे। इसी क्रम में जंगल में नक्सलियों द्वारा प्लांट किया गया आईईडी विस्पोट कर गया। इस घटना में सब इंस्पेक्टर सुनील कुमार मंडल और जवान पार्थ प्रतीम डे घायल हो गये। दोनों की स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें एयरलिफ्ट कर रांची लाने के बाद राज अस्पताल में भर्ती कराया गया। लेकिन, डॉक्टरों ने जांचोपरांत एसआई सुनील कुमार मंडल को मृत घोषित कर दिया। वहीं, जवान पार्थ प्रतीम डे की स्थिति अभी भी गंभीर बनी हुई है।
लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है सारंडा का जंगल
पश्चिमी सिंहभूम का सारंडा जंगल लंबे समय से नक्सल गतिविधियों का केंद्र बना हुआ है। नक्सली कमांडर अपने दस्ते के सदस्यों के साथ इस इलाके में सक्रिय हैं और सुरक्षाबलों को निशाना बनाने के लिए जंगल में कई जगह आईईडी प्लांट कर रखा है। हाल के दिनों में सुरक्षाबलों ने कई आईईडी बरामद किये हैं। लेकिन, इस बार सर्च ऑपरेशन के दौरान आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ को अपने एक जवान की शहादत देनी पड़ी। हालांकि, झारखंड को नक्सलमुक्त करने के लिए पुलिस एवं सुरक्षाबल के जवानों द्वारा लगातार सारंडा के जंगलों में सर्च अभियान चलाया जा रहा है। इससे बहुत हद तो नक्सलियों की कमर तोड़ने में सुरक्षाबलों को कामयाबी भी मिली है।