Ranchi: पैनम कोल माइंस कंपनी द्वारा कोयला के अवैध खनन के मामले को लेकर दायर जनहित याचिका पर सोमवार को झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान खनन विभाग के सचिव अदालत में सशरीर उपस्थित रहे। सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से जवाब दाखिल किया गया। अब हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा झारखंड सरकार के जवाब पर प्रार्थी को प्रतिउत्तर देने को कहा गया है। अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान खनन विभाग के सचिव को सशरीर उपस्थिति से छूट प्रदान की है। इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुजीत नारायण प्रसाद और जस्टिस नवनीत कुमार की खंडपीठ में हुई।
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क्या है पूरा मामला
झारखंड सरकार ने वर्ष 2015 में दुमका और पाकुड़ जिले में पैनम कोल माइंस कंपनी को खनन कार्य के लिये लीज पर खदान दिया था। लेकिन, कंपनी पर आरोप है कि लीज शर्तों का उल्लंघन करते हुए ज्यादा खनन किया गया, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों के राजस्व का नुकसान हुआ। इस मामले में अधिवक्ता राम सुभग सिंह द्वारा सीबीआई जांच और विस्थापितों के पुनर्वास की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है। इससे पहले की सुनवाई के दौरान अदालत ने राज्य सरकार और खनन विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए सरकार के जवाब पर नाराजगी जाहिर की थी।
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