Ranchi: राजधानी रांची से रहस्यमय तरीके से लापता हुई हिंदपीढ़ी इलाके की रहने वाली दो लड़कियों को रांची पुलिस की टीम सकुशल रांची लेकर आ गयी है। वहीं, मुख्य आरोपी समेत कुल पांच लड़कों को गिरफ्तार किया गया है। पूरे रहस्य से पर्दा उठाते हुए गुरुवार की दोपहर रांची SSP चंदन सिन्हा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि इन लड़कियों का कोई अपहरण नहीं हुआ था। इन्होंने मुख्य अभियुक्त के बहकावे में आकर अपने परिजनों को फोन कर ऑटो से दूसरे रास्ते पर ले जाने की बात कही और झूठे अपहरण की ऑडियो वायरल किया था। हालांकि, इस साजिश में दोनों लड़कियों की संलिप्तता को लेकर पुलिस की जांच अभी जारी है।
मुख्य आरोपी ने प्रेम प्रसंग की बात बतायी, लड़कियों की काउंसलिंग जारी
SSP ने बताया कि मुख्य आरोपी से पूछताछ में मामला प्रेम प्रसंग से जुड़ा पाया गया है। उन्होंने कहा है कि पहले से ये लोग इंटरनेट से जुडे हुए थे और इनकी फिजिकल मुलाकात भी हुई थी। हालांकि, दोनों लड़कियां अभी गहरे सदमे में हैं, इसलिये धीरे-धीरे उनकी काउंसलिंग की जा रही है, जिसके बाद उनसे पूछताछ के बाद चीजें स्पष्ट होंगी और फिर विस्तृत जानकारी दी जा सकेगी। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दोनों लड़कियां बालिग हैं। SSP ने बताया कि दोनों लड़कियों की सकुशल बरामदगी में रांची पुलिस की टीम को गढ़वा SP, नगर उटारी थाना प्रभारी, कर्नाटक के ADG, कर्नाटक के ओपल जिले के SP और RPF का पूरा सहयोग मिला।
कर्नाटक का रहने वाला है मुख्य अभियुक्त, 5 को ही आ गया था रांची
SSP चंदन सिन्हा ने बताया है कि इस कांड का मुख्य अभियुक्त कर्नाटक के रायचूर जिले का रहने वाला मो. इस्माइल है, जो कि हैदराबाद में काम करता है। उसका दोनों लड़कियों में से एक के साथ प्रेम प्रसंग चल रहा था और लड़कियों को भगाने की पूरी प्लानिंग उसी के द्वारा बनायी गयी थी। उन्होंने बताया कि मो. इस्माइल 5 जनवरी को ही रांची आ गया था। इसके बाद सुनियोजित साजिश के तहत वह अपने 4 सहयोगियों की मदद से दोनों लड़कियों को भगा कर कर्नाटक ले गया। इसमें रांची के हिंदपीढ़ी का रहने वाले जुनैद आलम व कासिम, रजरप्पा का मजहर आलम और गढ़वा जिले के नगर उटारी निवासी इमरान खान ने उसका साथ दिया।
परिजनों को भ्रमित करने के लिये वायरल किया झूठे अपहरण का ऑडियो
पुलिस द्वारा पांचों आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ऑटो से अपहरण की बात झूठ थी। इनलोगों ने भागने के लिये अल्टो कार का उपयोग किया था। वहीं, परिजनों को भ्रमित करने के लिये झूठे अपहरण का ऑडियो वायरल किया गया था। SSP ने बताया कि ये लोग रेल मार्ग का उपयोग करते हुए ट्रेन से चितरपुर, कोडरमा, गया, तूडी और नागपुर होते हुए कर्नाटक पहुंचे थे। इसके बाद रांची पुलिस और RPF ने कई ट्रेनों को सर्च किया। इसके अलावा कई रेलवे स्टेशन नागपुर, पुणे, हुबली, गंगावती स्टेशन के CCTV फुटेज की जांच की गयी।
बड़े ही शातिराना अंदाज में पुलिस को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की
SSP ने बताया कि इन अभियुक्तों के द्वारा बड़े ही शातिराना अंदाज में पुलिस को दिग्भ्रमित करने की कोशिश की गयी, ताकि इन्हें ट्रेस नहीं किया जा सके। इसके लिये इनलोगों ने कई बार मोबाइल व सिम को तोड़ा, जबकि कई मोबाइल व सिम को उपयोग के बाद फेंक दिया। वहीं, बातचीत के लिये रेलवे के फ्री वाईफाई और दोस्तों को स्टेशन पर बुलाकर उनके फोन के वाईफाई का उपयोग किया गया। पुलिस ने इनके पास एक तोड़ा हुआ मोबाइल बरामद किया है।
क्या है पूरा मामला
11 जनवरी को दोनों नाबालिग बहनें आधार कार्ड में सुधार कराने की बात कह कर अपने घर से निकली थीं। दोपहर करीब 1 बजे कांटाटोली के मंगल टावर स्थित सेंटर से आधार कार्ड में सुधार कराने के लड़कियों ने अपने पिता को फोन कर ऑटो से घर आने की बात बतायी। साथ ही ऑटो वाला उन्हें दूसरे मार्ग पर ले जा रहा है। पिता-बेटी में बातचीत के क्रम में ही कॉल डिसकनेक्ट हो गया और फोन स्वीच ऑफ बताने लगा। इसके बाद परिजनों ने थाने पहुंच कर दोनों लड़कियों के अपहरण की रिपोर्ट दर्ज करायी थी। इस मामले में रांची रेंज के IG ने त्वरित संज्ञान लेते हुए स्पेशल पुलिस टीम का गठन किया था। पुलिस टीम ने तकनीकी सेल की मदद से 15 जनवरी को दोनों लड़कियों को कर्नाटक के बेंगलुरु शहर से बरामद कर लिया। इसके बाद रांची पुलिस की टीम दोनों लड़कियों और पांच आरोपियों को साथ लेकर 16 जनवरी की सुबह रांची पहुंची।
Read More : ISRO ने रचा इतिहास: अंतरिक्ष में दो उपग्रहों की डॉकिंग सफल, चौथा देश बना भारत
Read More : चार महीने के भीतर नगर निकाय चुनाव कराए राज्य सरकार: झारखंड हाईकोर्ट
Read More : Saif Ali Khan के घर में कैसे घुसा हमलावर, हुआ खुलासा
Read More : झारखंड में जल्द शुरू होंगे 4 कोल ब्लॉक, 9 की समस्याओं का समाधान भी शीघ्र
Read More : Internet Blackout : क्या 16 जनवरी 2025 को बंद हो जाएगा इंटरनेट? Fact Check