रागिनी सिंह ने बताया कि कोयला उठाव बाधित होने से लगभग पांच सौ मजदूर कार्य से वंचित है, जिससे उनके और परिवार के समक्ष भूख से मारने की नौबत आ गई है। यहां 18 दिसंबर से ही असामाजिक तत्व व्यापारियों और मजदूरों के काम में बाधा पहुंचाकर उन्हें डरा धमकाकर काम शुरू नहीं करने दे रहे हैं। इन असामाजिक तत्वों के खिलाफ पूर्व में कई प्रशासनिक मामले में प्राथमिकी दर्ज हैं। इसके बावजूद भी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। कुजामा चेक पोस्ट पर अवैध रूप से धरने पर बैठकर कार्य नहीं करने दिया जा रहा है। उनके खिलाफ सीआईएसफ पर गोली चलाने का भी मुकदमा दर्ज है, बावजूद इसके उनके खिलाफ अब तक किसी भी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है। इससे वहां की स्थिति भयावह बनी हुई है और कभी भी कोई अप्रिय घटना घट सकती है।
रागिनी सिंह ने कहा कि इस मामले पर गंभीरतापूर्वक विचार कर जल्द से जल्द कार्रवाई कराकर व्यवसायियों और मजदूरों के हित में कार्य पुनः शुरू करने की मांग उन्होंने CM के समक्ष रखी। साथ ही कोयलांचल में बढ़ते अपराध पर अंकुश लगाए जाने को लेकर विधि सम्मत कार्रवाई कराने की दिशा में पहल करने संबंधी विषयों पर गंभीरतापूर्वक चर्चा भी हुई। मुख्यमंत्री ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शीघ्र कार्रवाई करने की बात कही है। वहीं, इस संबंध में मुख्यमंत्री के अपर सचिव अविनाश कुमार एवं पुलिस महानिदेशक सह महानिरीक्षक अनुराग गुप्ता को पत्र सौंप उन्हें उपरोक्त विषयों से अवगत कराया।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि पिछले कई दिनों ने जनता मजदूर संघ बच्चा गुट के द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर कुजामा कोल डंप के समीप धरने पर बैठे हैं, जिससे कुजामा आउटसोर्सिंग का कार्य पूरी तरह से बाधित है। पिछले रविवार को संयुक्त मोर्चा कार्य शुरू कराने पहुंची थी, जिसके बाद गोलीबारी की घटना घटी थी।
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