Ranchi : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के झारखंड दौरे को लेकर CM हेमंत सोरेन ने एक बार फिर झारखंडी हक अधिकार की बात प्रधानमंत्री के समक्ष रखी है। हेमन्त सोरेन ने अपने एक्स हैंडल पर पोस्ट कर लिखा है कि हो, मुंडारी, कुँड़ुख़/उरांव भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिये केंद्र सरकार को पत्र लिख कर आग्रह किए 4 वर्ष से अधिक का समय हो गया है। लेकिन अब तक आदिवासियों के भाषा को संरक्षण प्रदान करने की पहल केंद्र सरकार ने नहीं की है। आख़िर कब तक झारखंड के आदिवासी अपनी पहचान सुरक्षित करने के लिये संघर्ष करते रहेंगे। क्या केंद्र सरकार आदिवासियों को अधिकार नहीं दे सकती। प्रधानमंत्री जी आप झारखंड आ रहे हैं। ऐसे में यहां के आदिवासियों को उनकी पहचान और अधिकार देने की कृपा करें।प्रधानमंत्री जी हम झारखंडियों को हमारा अधिकार कब दे रहे हैं?
मुख्यमंत्री @HemantSorenJMM जी द्वारा
हो, मुंडारी, कुँड़ुख़/उरांव भाषा को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए केंद्र सरकार को लिखे पत्र को 4 साल से ज्यादा हो गए हैं।केंद्र सरकार बोलती है कि अधिकार नहीं दे सकते।
प्रधानमंत्री जी आज आप चाईबासा आ रहे हैं।
प्रधानमंत्री जी, हम… pic.twitter.com/lRHjZ6CsGy
— Jharkhand Mukti Morcha (@JmmJharkhand) November 4, 2024
झारखंड का बकाया का भुगतान कराएँ
CM हेमंत सोरेन ने कहा की प्रधानमंत्री से झारखंड दौरे के अवसर पर मैं विनम्रतापूर्वक उनसे आग्रह करता हूँ कि कोयला कम्पनियों द्वारा राज्य का बकाया 1 लाख 36 हजार करोड़ भुगतान कराने की कृपा करें। झारखंड के इस न्यायसंगत अधिकार को हमें लौटाया जाए। यह न केवल हमारा हक है, बल्कि राज्य के विकास के लिये अत्यंत आवश्यक भी है। मालूम हो कि प्रधानमंत्री के समक्ष हेमन्त सोरेन ने बकाया राशि के भुगतान को लेकर दर्जनों बार आग्रह किया है।
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