Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के 12वें दिन मंगलवार को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही गिरिडीह जिले के घोरथंबा का मामला उठा। नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे को उठाते हुए प्रश्नकाल स्थगित कर इस विषय पर चर्चा की मांग की। उन्होंने कहा कि होली के दिन धनवार थाना क्षेत्र के घोरथंबा में होली खेलते हुए लोग आगे बढ़ रहे थे, तो पुलिस ने इनलोगों को रोका। इसके बाद दूसरे पक्ष की ओर से पत्थरबाजी हुई, पेट्रोल बम फेंके गये, बाेतलें चली। फिर पुलिस ने केस दर्ज किया।
बाबूलाल मरांडी ने पुलिस पर तुष्टिकरण करने का आरोप लगाया
बाबूलाल मरांडी ने घोरथंंबा मामले में पुलिस पर तुष्टिकरण का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने तुष्टिकरण की राजनीति की हद करते हुए 80 लोगों को नामजद किया, जिसमें 40 हिंदू और 40 मुसलमान थे। इसके बाद 22 लोगों की गिरफ्तारी हुई, जिसमें भी 11 हिंदू और 11 मुसलमान थे। जबकि, हिंदू पक्ष के लोग हाथों में रंग, अबीर गुलाल लेकर जा रहे थे। उनके हाथ में न पत्थर था, न लाठी थी, न बोतल था और न ही पेट्रोल बम था। ऐसे में केस तो उनलोगों पर होना चाहिये, जिन्होंने हमला किया और जिन्होंने माहौल को बिगाड़ने की कोशिश की थी। मरांडी ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह बिगड़ गई है। आने वाले दिनों में ईद, रामनवमी और सरहूल जैसे पर्व हैं, जिसमें भी जुलूस निकलेंगे। ऐसे में प्रश्नकाल स्थगित कर इस महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा होनी चाहिए।
हिंदू-मुसलमान को बांट कर राजनीति करना विपक्ष की फितरत : प्रदीप यादव
विपक्ष के आरोपों को जवाब देते हुए कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि हिंदू-मुसलमान मिल कर रहना चाहते हैं। लेकिन, ये लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए हिंदू-मुसलमानों में दरार पैदा करते हैं। इनके नेता वहां जाकर हिंदुओं को भड़काते हैं। देश अमन-शांति चाहता है। लेकिन, हिंदू-मुसलमान को दो भागों में बांट कर राजनीति करने की इनकी पुरानी फितरत रही है।
घोरथंबा में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की प्रायोजित कोशिश: सुदिव्य कुमार
मंत्री सुदिव्य कुमार ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष ने घोरथंबा की घटना का जो जिक्र किया है, वह घटना का एकपक्षीय चित्रण है। उन्होंने कहा कि घोरथंबा में सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगाड़ने की एक प्रायोजित कोशिश की गई, पर प्रशासन ने संयम बरतते हुए बिना किसी जान के नुकसान के हालात पर काबू पाया। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष से पूछा कि आखिर जुलूस में वो कौन लोग थे, जो जिला प्रशासन द्वारा रोके जाने के बाद भी मस्जिद के पास गये और इन घटनाओं को अंजाम दिया। मंत्री ने यह भी कहा कि देश में समाज को बांटने की कोशिश हो रही है, जो कि उत्तर प्रदेश से चली है। लेकिन, पूरा झारखंड इनलोगों के बहकावे में नहीं आया, इसलिए ये लोग दुखी हैं।
ऐसी घटना को लेकर राजनीति करना अच्छी बात नहीं: राधाकृष्ण किशोर
वहीं, स्पीकर ने विपक्ष की मांग की अस्वीकार करते हुए प्रश्नकाल को जारी रखा, जिसके बाद विपक्ष के विधायक वेल में आ गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। इस दौरान संसदीय कार्य मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि राज्य में ऐसी भी कोई घटना होती है, तो पक्ष और विपक्ष, दोनों ऐसे मामले में संवेदनशील होते हैं। लेकिन, ऐसी घटना को लेकर राजनीति करना अच्छी बात नहीं है।