Jharkhand: झारखंड हाईकोर्ट ने पुलिस के सब-इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति की प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अदालत ने इस मामले में राज्य सरकार से जवाब तलब किया है और अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद निर्धारित की गई है।प्रोन्नति में अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण दिए जाने के खिलाफ विकास कुमार ने झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिकाकर्ता ने कोर्ट में दलील दी कि झारखंड में रघुवंश प्रसाद बनाम झारखंड सरकार मामले में दिए गए आदेश के अनुसार, राज्य में तब तक किसी भी विभाग में प्रोन्नति नहीं दी जा सकती, जब तक कि सरकार इस संबंध में नया कानून नहीं बनाती। उन्होंने तर्क दिया कि जब सब-इंस्पेक्टर कैडर में SC-ST श्रेणी के अधिकारी पहले से ही पर्याप्त संख्या में उपलब्ध हैं, तो आरक्षण आवश्यक नहीं है।
20 सितंबर को जारी हुआ था प्रोन्नति आदेश
प्रार्थी की ओर से अधिवक्ता मनोज टंडन ने अदालत को बताया कि 20 सितंबर 2024 को सरकार की ओर से सब-इंस्पेक्टर से इंस्पेक्टर पद पर प्रोन्नति देने का आदेश जारी किया गया था। इसके लिए वरीयता सूची तैयार की गई थी, जिसमें याचिकाकर्ता का नाम शीर्ष पर था। हालांकि, आरक्षण नीति के कारण वरीयता सूची में काफी नीचे रहने वाले कई सब-इंस्पेक्टर को प्रमोशन दे दिया गया, जिससे याचिकाकर्ता का अधिकार प्रभावित हुआ।
98 सब-इंस्पेक्टर को मिल चुका है प्रमोशन
आदेश जारी होने के बाद अब तक 98 सब-इंस्पेक्टर को प्रोन्नति देकर इंस्पेक्टर बनाया जा चुका है। हाईकोर्ट के फैसले से अब इन अधिकारियों के भविष्य पर भी असर पड़ सकता है। अदालत ने सरकार से स्पष्ट जवाब मांगा है कि प्रोन्नति प्रक्रिया को किस आधार पर संचालित किया गया। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस मुद्दे पर राज्य सरकार कोर्ट में क्या तर्क प्रस्तुत करती है और क्या प्रोन्नति प्रक्रिया बहाल की जाएगी या नहीं।