Ranchi: झारखंड के संथाल परगना इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ मामले की जांच के लिए कमेटी के गठन के आदेश के खिलाफ राज्य सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंच गयी है। झारखंड हाईकोर्ट ने इस मामले को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए झारखंड में घुसपैठ की सच्चाई जानने को लेकर केंद्र व राज्य सरकार को फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाने का निर्देश दिया था। साथ ही साथ इस कमेटी के लिए दो अधिकारियों का नाम 30 सितंबर से पहले बताने को भी कहा था। हाईकोर्ट के इस आदेश के विरोध में राज्य सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती याचिका दाखिल की गयी थी।
घुसपैठ का मामला एक गंभीर विषय : जस्टिस धुलिया
सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस सुधांशु धुलिया और जस्टिस ए अमानुल्ला की खंडपीठ ने सोमवार को इस मामले पर सुनवाई की। जस्टिस धुलिया ने कहा कि यह एक गंभीर विषय है। वे इस मामले की सुनवाई से पहले पूरी फाइल को पढ़ना चाहते हैं। वहीं, झारखंड सरकार की ओर से वरिष्ठ वकील कपिल सिब्ब्ल अदालत में पेश हुए। उन्होंने कहा कि झारखंड की कोई सीमा बांग्लादेश से नहीं लगती है। लेकिन, राजनीतिक कारणों से ऐसा दिखाने की कोशिश हो रही है कि राज्य में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी घुसपैठ हो चुका है। अब सुप्रीम कोर्ट 8 नवंबर को इस मामले पर अगली सुनवाई करेगा।
दानियल दानिश ने हाईकोर्ट में दायर की है जनहित याचिका
बता दें कि जमशेदपुर निवासी दानियल दानिश ने संथाल परगना इलाके में बांग्लादेशी घुसपैठ का मामला उठाते हुए झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है. अब तक हुई सुनवाई में केंद्र सरकार ने अपने जवाब में कहा है कि संथाल परगना इलाके में आदिवासियों की आबादी घटी है और वहां की जमीन मुस्लिम धर्म के लोगों को गिफ्ट डीड के जरिए दी जा रही है. केंद्र ने अपने हलफनामे में यह भी बताया है कि इस इलाके में ईसाई समुदाय के लोगों की संख्या में भी कई गुणा इजाफा हुआ है और आदिवासियों की आबादी 44 फीसदी से घट कर मात्र 28 फीसदी रह गई है.