Ranchi : JSSC-CGL परीक्षा विवाद में इस समय बड़ा मोड़ आया है। बता दें कि झारखंड सरकार के लाख प्रयास करने के बाद JSSC-CGL परीक्षा में विवाद उत्पन्न हो गया था। परीक्षा में विवाद सामने आने के बाद अभ्यर्थी आन्दोलनरत हैं। यहां तक कि मामला हाई कोर्ट जा पहुंचा।झारखंड कर्मचारी चयन आयोग JSSC – CGL पेपर लीक मामले की केंद्र जांच ब्यूरो या न्यायिक जांच की मांग वाली जनहित याचिका की सुनवाई झारखंड हाई कोर्ट में हुई। मामले में हाईकोर्ट की खंडपीठ ने प्रतिवादी राज्य सरकार एवं जेएसएससी को नोटिस जारी किया है। मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी। सुनवाई के दौरान वादी की ओर से वरिया अधिवक्ता अजीत कुमार ,अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज, आकृति श्री, समीर रंजन ने खंडपीठ को बताया की JSSC-CGL परीक्षा 28 जनवरी 2024 को हुई थी जहां बड़ी संख्या में छात्र परीक्षा में शामिल हुए लेकिन छात्रों ने प्रश्न पत्र लीक का आरोप लगाया था और जमकर विरोध किया था। इसके बाद सीट का गठन किया गया था। इस परीक्षा में जिस प्रकार से पेपर लीक हुआ है उसी प्रकार से 21 सितंबर 2024 एवं 22 सितंबर 2024 की भी परीक्षा में पेपर लिखा हुआ है।
राजेश प्रसाद ने इस संबंध में संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज करने के लिए ऑनलाइन कंप्लेंट दर्ज की है उसे पर भी कोई कार्रवाई नहीं करना संदेह उत्पन्न कर रहा है। मामले में महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि वादी द्वारा लगाया गया आरोप गलत है और यह सुनने योग्य नहीं है। कोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद प्रतिवादी राज्य सरकार एवं जेएसएससी को नोट जारी किया है। बता दे की हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दलील दी गई है कि राज्य पुलिस द्वारा गठित विशेष जांचदल (SIT) द्वारा की जा रही जांच पारदर्शी नहीं है क्योंकि जांच के निष्कर्ष अभी तक सार्वजनिक नहीं किये गये हैं। याचिकाकर्ता ने अनुरोध किया है कि सीबीआई या न्यायिक जांच के माध्यम से अधिक गहन जांच की जाए।
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