Friday, November 22, 2024
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इनामी नक्सली सहित पांच धराये, जमीन में गाड़ रखा था… देखें क्या

Ranchi/Gulma : गुमला पुलिस कप्तान शंभू कुमार सिंह के कानों में किसी ने फूंक मारी कि कोयल-शंख जोन का खूंखार नक्सली रंथू उरांव उर्फ गुरुचरण घाघरा होते हुए गुमला के आंजन हिरनाखाड़ जंगल की ओर आने वाला है। उसके साथ दस्ता के कई साथी भी रहेंगे। तुंरत एक्शन लिया गया तो पुलिस को बड़ी सफलता हासिल हो सकती है। रंथू की मुड़ी पर पांच लाख का इनाम घोषित है। संगठन में उसका ओहदा सब-जोनल कमांडर का है। मिली इंफॉर्मेशन पर SP ने गुमला थानेदार इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार सिंह की देखरेख में QRT को टास्क दिया। QRT ने बताये गये ठिकाने पर रेड मारी और तीन लोगों को धर लिया। इस बात का खुलासा आज रांची प्रक्षेत्र के DIG अनूप बिरथरे ने किया। DIG ने मीडिया को बताया कि बीती शाम के करीब सवा छह बजे जंगली इलाके में दो बाइक पर सवार तीन संदिग्ध लोग आते दिखायी दिये। पुलिस के रोकने पर उन लोगों ने फायरिंग शुरू की और भागने लगे। QRT ने जवाबी कार्रवाई करते हुए तीनों को धर दबोचा। पूछताछ में धराये लोगों ने अपना नाम रंथू उरांव उर्फ गुरुचरण उरांव, जयशंकर महतो और रोहित उरांव बताया। तीनों गुमला के ही रहने वाले हैं। उनके पास से पुलिस ने दो देशी कट्टा, चार IED बम, अलग-अलग बोर की 16 राउंड गोलियां और भाकपा माओवादी का प्रतिबंधित पर्चा को जब्त किया। कड़ाई करने पर इन लोगों ने कई राज खोले और जमीन में गाड़कर छुपाये गये हथियार के बारे में भी बताया। पुलिस ने एक कार्रबाइन, 315 बोर के तीन रायफल, एक देशी एकनाली बंदूक और 115 राउंड गोलियां बरामद की। वहीं, इनकी निशानदेही पर इनके साथी राजू अहीर उर्फ राजू गोप और सुलेन्द्र मुंडा को भी धर लिया गया।

DIG बिरथरे ने बताया कि रंथु उरांव गुमला के विभिन्न इलाकों में गुजरे दो दशकों से एक्टिव था। करीब 77 नक्सली वारदातों में शामिल रंथू पुलिस के लिये मोस्ट वांटेड था। उसने कई जांबाज पुलिसकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया था। उस पर झारखंड सरकार ने पांच लाख रुपये का इनाम भी रखा है।

इन पुलिसकर्मियों को उतारा था मौत के घाट

  • 26.06.2007 को रायडीह थाना क्षेत्र में पुलिस बल पर जानलेवा हमला किया गया, जिसमें दो पुलिसकर्मी शहीद हो गये।
  • 21.10.2010 को रायडीह थाना क्षेत्र में पुलिस बल पर हमला किया गया, जिसमें एक पुलिसकर्मी शहीद हो गया। साथ ही रायफल एवं गोलियां छीन ली गयी।
  • 16.01.2010 को गुरदरी थाना क्षेत्र में फायरिंग की गयी। जिसमें सात पुलिसकर्मी शहीद हो गये। वहीं एक ट्रक ड्राइवर भी मारा गया। हथियार भी छीन लिये गये।
  • 13.03.2013 को चैनपुर (कुरूमगढ़) थाना क्षेत्र में घने जंगल में पुलिस बलों पर अंधाधुंध फायरिंग की गयी। एक पुलिसकर्मी शहीद हो गये तथा दो जवान बेतरह जख्मी हो गये।
  • 07.04.2013 को चैनपुर थाना क्षेत्र में पेट्रोलिंग गाड़ी पर ऑटोमैटिक हथियार से गोलियां बरसायी, जिसमें पांच पुलिसकर्मी शहीद हो गये। उनके हथियार, गोली और हैंड ग्रेनेट छीन लिये गये।

DIG अनूप बिरथरे ने कहा कि इन सभी के गिरफ्तार हो जाने के बाद गुमला में नक्सलियों का किला ढह गया है। विधानसभा चुनाव से पहले सभी का धरा जाना बड़ी उपलब्धी मानी जा रही है। इस उम्दा कामयाबी को हासिल करने में गुमला थानेदार इंस्पेक्टर सुरेन्द्र कुमार सिंह, घाघरा थानेदार सब इंस्पेक्टर तरूण कुमार, कुरूमगढ़ थानेदार सब इंस्पेक्टर विश्वजीत कुमार चेतन, एसआई अजय कुमार दास, सिपाही नीरज कुमार तिवारी, पवन कुमार यादव और QRT टीम की सराहनीय भूमिका रही।

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