KhabarMantraLive: साल 2025 का पहला सूर्यग्रहण आज, 29 मार्च को घटित होगा। यह खगोलीय घटना विश्वभर के वैज्ञानिकों और ज्योतिषियों के लिए महत्वपूर्ण मानी जा रही है। सूर्यग्रहण तब होता है जब चंद्रमा, सूर्य और पृथ्वी के बीच आकर सूर्य की रोशनी को पूरी तरह या आंशिक रूप से ढंक देता है। आइए जानते हैं इस सूर्यग्रहण से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी।
कब और कहां दिखाई देगा सूर्यग्रहण?
यह सूर्यग्रहण एक पूर्ण सूर्यग्रहण होगा, जो मुख्य रूप से उत्तरी अमेरिका, अटलांटिक महासागर, यूरोप और उत्तरी अफ्रीका के कुछ हिस्सों में दिखाई देगा।
- भारत में दृश्यता: भारत में यह ग्रहण पूर्ण रूप से नहीं दिखेगा, लेकिन कुछ स्थानों पर आंशिक रूप से देखा जा सकेगा।
- समय (UTC): सूर्यग्रहण की शुरुआत सुबह 10:45 बजे होगी और यह दोपहर 3:30 बजे समाप्त होगा।
- भारतीय समयानुसार: ग्रहण दोपहर बाद प्रभावी रहेगा।
ज्योतिषीय प्रभाव
हिंदू पंचांग के अनुसार, यह सूर्यग्रहण मीन राशि और उत्तराभाद्रपद नक्षत्र में होगा। ज्योतिषियों के अनुसार, यह ग्रहण कुछ राशियों पर विशेष प्रभाव डाल सकता है:
- मीन, सिंह और कन्या राशि के जातकों को इस अवधि में सतर्क रहने की सलाह दी जाती है।
- इस दौरान मंदिरों के दरवाजे बंद रहेंगे और शुभ कार्य वर्जित माने जाएंगे।
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान और दान-पुण्य का विशेष महत्व होगा।
ग्रहण के दौरान क्या करें और क्या न करें?
क्या करें:
- ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करें और दान-पुण्य करें।
- भगवान के मंत्रों का जाप करें और ध्यान लगाएं।
- गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें।
क्या न करें:
- ग्रहण के दौरान भोजन पकाने और खाने से बचें।
- कोई नया कार्य शुरू न करें।
- बिना सुरक्षा उपकरण के सूर्यग्रहण को न देखें, इससे आंखों को नुकसान हो सकता है।
वैज्ञानिक महत्व
वैज्ञानिक दृष्टि से सूर्यग्रहण एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना है। इस दौरान NASA और अन्य स्पेस एजेंसियां सूर्य के बाहरी परत (कोरोना) पर शोध करेंगी। इससे सूर्य की गतिविधियों और अंतरिक्ष में होने वाले प्रभावों को समझने में मदद मिलेगी।