Jharkhand: फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर राज्य के 14 जिलों के 91 प्रखंडों में 10 से 25 फरवरी तक सर्वजन दवा सेवन अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान के तहत योग्य लाभुकों को फाइलेरियारोधी दवा स्वास्थ्यकर्मी, सहिया, आंगनबाड़ी सेविका और स्वयंसेवी संस्थाओं की निगरानी में खिलाई जाएगी। अभियान के लिए दो श्रेणियों में दवा दी जाएगी। पाकुड़, कोडरमा और सिमडेगा जिलों में तीन प्रकार की दवा (अल्बेंडाजोल, डीईसी और आइवरमेक्टिन) दी जाएगी, जबकि रांची, धनबाद, बोकारो, देवघर समेत 11 जिलों में दो प्रकार की दवा (अल्बेंडाजोल और डीईसी) खिलाई जाएगी।
राज्य वेक्टर जनित रोग नियंत्रण विभाग और पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से स्वास्थ्यकर्मियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पहले दिन धनबाद, पाकुड़, देवघर और साहेबगंज जिलों के स्वास्थ्य अधिकारियों और कर्मियों ने भाग लिया, जबकि अगले तीन दिनों में अन्य जिलों के कर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ. वीरेंद्र कुमार ने निर्देश दिया कि सभी योग्य लाभुकों को स्वास्थ्यकर्मियों की मौजूदगी में ही दवा का सेवन कराया जाए। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को दवा नहीं दी जाएगी। दवा सेवन के दौरान किसी भी प्रतिकूल प्रभाव के लिए रैपिड रिस्पांस टीम तैयार रहेगी।
डब्ल्यूएचओ के स्टेट एनटीडी कोऑर्डिनेटर डॉ. अभिषेक पॉल ने दवा सेवन से पहले लाभुकों से भोजन करने की पुष्टि करने की सलाह दी। अभियान की सफलता के लिए उच्च प्राथमिकता वाले गांवों का चयन किया जाएगा, जहां माइक्रोफाइलेरिया पॉजिटिव लोगों की संख्या अधिक है या दवा सेवन से इनकार करने की प्रवृत्ति देखी गई है।
अभियान में सूचना, शिक्षा और संचार (IEC) की भूमिका को महत्वपूर्ण बताते हुए राज्य स्तर पर प्रोटोटाइप तैयार किया गया है, जिसे सभी जिलों में वितरित किया जाएगा। बीते वर्ष बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रखंडों को सम्मानित भी किया गया।