Ranchi : समीकरण को सताया जा रहा है! झिंगुर के टियांउ-टियांउ के स्वर मद्धिम हैं.., नेताजी चिंयांउ-चिंयांउ कर रहे हैं…! झाड़ जंगल के प्रदेश में चुनाव हो रहा है! भाषण भी जनहितकारी से लग रहे हैं! संकल्प पत्रों से विकास की सुगंध आ रही है..! घुसपैठ का रायता फैल चुका है! सत्ताधीश हुंआं-हुंआं कर रहे हैं… ! विपक्ष माय, माटी और बेटी की सौगंध खा रहा है…! आदिवासियत खतरे में… इसकी हवा तेज है…! नेता सब अच्छे लग रहे हैं… नेता के रूप में गांधी समाधि से उठ खड़े हुए हैं…! सब स्वराज लायेंगे… कब लायेंगे… ये नहीं बतायेंगे…? जेल से निकले नेता.. भ्रष्टाचार मुक्त की बात कर रहा है…! भ्रष्टाचार के खिलाफ मुखर दल भ्रष्टाचारी को संरक्षण दे रहे हैं…! ईडी..सीबीआई…आइटी…की दबिश राजनीति से प्रेरित हो चली है…! पांच साल का हिसाब पूछना मना है…! ताजा मंईयां पर ऐतबार कीजिये… गोगो का इंतजार कीजिये…! जो जेल गये वह फंसाये गये थे…! जो बाहर हैं वह ईमानदार हैं…! जिनपर जांच बैठी है, आरोप सिद्ध होने पर कार्रवाई होगी….! राज्य के बिरसा दिल्ली के सराय काले खां चौक पर खड़े कर दिये गये हैं…! स्थापना दिवस पर सपनों के झारखंड का संकल्प लीजिये…! अब डेढ़ सौ रूपये के सिक्के में बिरसा के दर्शन कीजिये…! साहब पुष्पक विमान के तीन घंटे फंसे रहे, अकुलाये नहीं…! युवराज अपने पुष्पक में भी राजनीतिक खराबी का शिकार हो गये…! चचा हरियर से गेरुवा हो गये और मौसी गेरूआ से हरियर हो गयी…! अब तो मौसी भी पप्पू की बुलेट पर बैठ इतरा रही हैं…! गोड्डा के गुड्डू एक्स का ट्विटरिया रहे हैं..! असम की चाय हंड़िया पर भारी पड़ रही है…! आरोप है कि हंड़िया में मिलावट है, जबकि चाय फ्रेश है…! भाभी के नये अवतार से विपक्ष धुंआ-धुंआ है..! भईया हकलाते हुए विपक्ष को चील-गिद्ध बता चुके हैं…! भईया की भाभी जाम में फंसी रिजेक्टेड माल बन गईं…! भईया बोल नहीं पाये क्योंकि बात हनुमान ने की थी..! राजनीति में सब गंडमगोल है…! यहां फूफा भी हैं… जो टिकट नहीं मिलने से नाराज हैं…! कुछ माने,… कुछ जिद्दी बन गये…! क्या मिला से कब मिलेगा? की बातें अखबार के पन्नों पर हैं..! बुजुर्ग को वृद्धा पेंशन 6 महीने से नहीं मिली…लेकिन मंईयां मुस्कुरा रही है…! यूथ पेपर लीक चिल्लाता रहा…सरकार इंटरनेट बंद कर एग्जाम लेती रही…! सरकार ने कहा सफल परीक्षा… विपक्ष ने कहा केंसिल करो एग्जाम…! यहां मिलावट है… फिर भी संकल्पों की सजावट है…! ये ही तो राजनीति का डालडा युग है…!