Ranchi : झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 काफी दिलचस्प होता जा रहा है। एक तरफ बीजेपी रूठों को मनाने में जुटी हुई है तो दूसरी तरफ इंडिया गठबंधन में दरार बढ़ती जा रही है। जेएमएम की हठधर्मिता के आगे कांग्रेस ने हाथ जोड़ लिये लेकिन आरजेडी और माले ने मैदान में अपने कैंडिडेट उतारकर गठबंधन की गांठ खोल दी है। राज्य की कई सीटों पर राजनीतिक धमा-चौकड़ी मची हुई है। इंडिया गठबंधन के तहत माले को सिन्दरी, निरसा और बगोदर की सीट दी गयी लेकिन उसने इन सीटों के साथ साथ धनवार से भी अपने कैंडिडेट राज कुमार यादव को मैदान में उतार दिया जबकि वहां से जेएमएम पहले ही निजामुद्दीन अंसारी को अपना कैंडीडेट घोषित कर चुकी है। माले अभी भी जमुआ सीट की मांग कर रहा है।
वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस को आरजेडी की हरकतों ने बेचैन कर रखा है। आरजेडी को पांच सीटें देने पर सहमति बनी थी लेकिन वह विश्रामपुर और छत्तरपुर से भी अपने प्रत्याशियों को मैदान में उतार चुकी है जबकि यह कांग्रेस का दावा है कि विश्रामपुर सीट उसके खाते में गई थीं। सवाल आरजेडी भी कर रही है। उसका कहना है कि छतरपुर आरजेडी के खाते में थी तो कांग्रेस ने अपना प्रत्याशी क्यों उतारा।
बहरहाल, अभी नामांकन वापस लेने की तारीखों का आना बाकी है लेकिन माले ने साफ कह दिया है कि वह आठ सीट से कम पर समझौता नहीं करेगा, इसलिये 24 घंटे के अंदर इंडिया गठबंधन फैसला करे नहीं तो गठबंधन को नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस -जेएमएम 70 सीटों पर लड़ रही है, यह तो तय हो गया है लेकिन आरजेडी-माले को बाकी बची 11 सीटों में से कौन किसको दी जायेगी इसकी कोई भी आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। जेएमएम-कांग्रेस के बीच बनी सहमति से एक बात तो साफ हो गई है कि कांग्रेस 2019 के चुनावों की तरह 31 सीटों से कम पर चुनाव लड़ने जा रही है। लिहाजा, कहा जा सकता है कि इंडिया गठबंधन में सबकुछ ठीक नहीं है, माले और आरजेडी ने अपनी अलग राह पकड़ ली है और दोस्तान संघर्ष के आसार बढ़ गये हैं।
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