Ranchi: सड़क दुर्घटना में जख्मी लोगों के लिए केंद्र सरकार जल्द ही एक कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम ला रही है। गोल्डन आवर में घायलों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये आयुष्मान योजना के लिए इंपैनल अस्पतालों को दिये जायेंगे। जानकारी के मुताबिक इस कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम को झारखंड समेत पूरे देश में लागू करने की तैयारी केंद्र सरकार कर रहा है। आपको बता दें की जब भी कोई दुर्घटना होती है और उसमें किसी को गंभीर चोट आती है, तो उसे दुर्घटना के एक घंटे के अंदर, सही इलाज मिल जाता है, तो उसकी जान को कम से कम खतरा होने कि संभावना होती है, इसी एक घंटे को गोल्डन आवर कहा जाता है। मालूम हो की सड़क दुर्घटना में घायलों की जान बचाने के लिए केंद्र सरकार कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम ला रही है। असम व चंडीगढ़ में पायलट योजना का ट्रायल सफल रहा है। अनुमानत: इस योजना को झारखंड सहित पूरे देश में सितंबर के मध्य में लागू करने की तैयारी है। मिली जानकारी के अनुसार इस कड़ी में सड़क परिवहन व राज्यमार्ग मंत्रालय के सचिव अनुराग ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए छह सितंबर को झारखंड सहित अन्य राज्यों के अधिकारियों के साथ बैठक की है।
कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम (Cashless Treatment Scheme) से पहले चरण में गोल्डन आवर में घायलों के इलाज के लिए डेढ़ लाख रुपये आयुष्मान योजना के लिए इंपैनल अस्पतालों को दिये जायेंगे। ताकि पैसे के अभाव में घायलों का इलाज करने से अस्पताल मना नहीं कर सके। वहीं समय पर इलाज होने से लोगों की जान बच सकेगी। प्रति घायल को सात दिनों के इलाज के लिए केंद्र सरकार डेढ़ लाख रुपये कैशलेस इलाज के लिए देगी। संभव है कि राज्य स्तर पर भी इस योजना के लिए कैशलेस स्कीम कोष बनाया जायेगा। योजना को आइटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से क्रियान्वित किया जायेगा। किसी भी श्रेणी की सड़क पर मोटर वाहनों के कारण होनेवाली सड़क दुर्घटनाओं के कारण आघात और प्लेटफॉर्म की देखभाल की आवश्यकता वाले सभी पीड़ित इस योजना के पात्र होंगे। उल्लेखनीय है कि झारखंड में औसतन 10 से 11 लोगों की मौत सड़क हादसा में हर रोज होती है।
अगर किसी व्यक्ति कि किसी भी जगह सड़क दुर्घटना होती है, तो उसे कोई भी व्यक्ति अस्पताल में भर्ती करा सकता है। भर्ती के बाद अस्पताल तत्काल इलाज शुरू कर देगा। वहीं जिस जगह पर व्यक्ति दुर्घटना में घायल हो गया है, वहां के थाना व जिले के एसपी को तत्काल अस्पताल उस व्यक्ति के बारे में सूचित करेगा। तीन घंटे के अंदर पुलिस को यह रिपोर्ट देनी होगी कि संबंधित व्यक्ति सड़क दुर्घटना में घायल हुआ है। इस रिपोर्ट के आधार पर अस्पताल कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम से घायल के इलाज के लिए पैसा ले सकेगा। वहीं सड़क हादसे के लिए जिम्मेदार वाहनों के थर्ड पार्टी बीमा से घायल के इलाज पर खर्च हुए पैसे वसूले जायेंगे। वह पैसा कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम में जमा होगा। यह सड़क दुर्घटना की पुलिस जांच पूरी होने के बाद आगे की कार्रवाई होगी। अगर कोई अज्ञात वाहन घटना को अंजाम देता है, तो भी घायल को कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम का लाभ मिल सकेगा। वहीं जिस वाहन का थर्ड पार्टी बीमा नहीं होगा, तो वैसे वाहन के मालिक के खिलाफ पुलिस की जांच के बाद आगे की कार्रवाई हो सकेगी।
बताते चलें की अगर किसी व्यक्ति के सड़क दुर्घटना में घायल होने पर पुलिस उसे अस्पताल में भर्ती कराती है, तो वह उसी समय अस्पताल को दुर्घटना की रिपोर्ट देगी। उस आधार पर कैशलेस ट्रीटमेंट स्कीम के तहत अस्पताल मरीज का अगले एक सप्ताह तक इलाज करेगा।
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