KhabarMantraLive: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए आम बजट 2025 को लेकर झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। सत्ता पक्ष इसे ऐतिहासिक और समावेशी बजट बता रहा है, जबकि विपक्ष इसे चुनावी बजट करार दे रहा है। आइए जानते हैं विभिन्न राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया:
राकेश सिन्हा, कांग्रेस प्रदेश महासचिव: झारखंड के साथ एक बार फिर भेदभाव हुआ है। यहां से 12 सांसद और 2 केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद राज्य को कुछ नहीं मिला। सिर्फ चुनावी राज्यों को प्राथमिकता दी गई।
प्रदीप सिन्हा, भाजपा प्रवक्ता: यह बजट युवा, किसान और मध्यम वर्ग को सशक्त बनाने वाला है। इनकम टैक्स में बड़ी राहत दी गई है, जिससे आम जनता को सीधा लाभ मिलेगा। कांग्रेस ने अपने शासन में झारखंड की अनदेखी की थी।
सुदेश महतो, आजसू प्रमुख: बजट समावेशी विकास और सामाजिक न्याय की दिशा में बड़ा कदम है। महिला, अनुसूचित जाति और जनजाति उद्यमियों के लिए 10,000 करोड़ का विशेष कोष झारखंड और बिहार के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा।
बंधु तिर्की, कांग्रेस नेता: यह बजट पूरी तरह से चुनाव और राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित है। झारखंड को नजरअंदाज कर बिहार को तवज्जो दी गई। गरीबों, युवाओं और बेरोजगारों के लिए कोई ठोस योजना नहीं है।
दीपक प्रकाश, भाजपा सांसद: यह बजट ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को मजबूत करने वाला है। मध्यम वर्ग के लिए टैक्स छूट ऐतिहासिक है। झारखंड को जल जीवन मिशन और महिला उद्यमिता के तहत कई लाभ मिलेंगे।
केशव महतो कमलेश, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष: यह चुनावी फायदे के लिए बनाया गया बजट है। झारखंड को बकाया राशि नहीं दी जा रही, जबकि बिहार को विशेष पैकेज मिला। किसान कर्ज माफी के बजाय क्रेडिट लिमिट बढ़ाई जा रही है, जो निराशाजनक है। बजट को लेकर झारखंड में अलग-अलग राय देखने को मिल रही है। जहां भाजपा इसे विकासोन्मुखी बजट बता रही है, वहीं कांग्रेस इसे झारखंड के साथ भेदभाव करार दे रही है। अब देखना होगा कि बजट के वादे कितने पूरे होते हैं और झारखंड को इसका कितना लाभ मिलता है।