Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दौरान कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि सरकार आलोचनाओं को सुनने और समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध है, लेकिन बीजेपी ने किसानों के मुद्दों पर चर्चा करने के बजाय सदन से वॉकआउट कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि विपक्ष का ध्यान किसानों की समस्याओं पर नहीं, बल्कि अपना नेता चुनने पर है।
मंत्री ने कहा कि राज्य के किसानों की स्थिति मौसम पर निर्भर करती है। बारिश हुई तो फसल अच्छी होगी, नहीं तो उन्हें ऋण चुकाने की चिंता सताएगी। राज्य सरकार किसानों को सहयोग देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि झारखंड में 1 लाख क्विंटल से अधिक बीज वितरित किए गए हैं और वर्तमान में राज्य की 36% बीज की मांग को पूरा किया जा रहा है।
नए कृषि सुधार और पशुपालन योजनाएं
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने बताया कि सरकार ने जल संरक्षण के लिए “बिरसा पक्का चेक डैम योजना” की शुरुआत की है। साथ ही मुख्यमंत्री पशुधन योजना के तहत अब पलामू जिले में किसानों को भेड़ वितरित करने का निर्णय लिया गया है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार किसानों को सहकारी संगठनों (FPOs और SHGs) से जोड़ने का प्रयास कर रही है। वर्तमान में झारखंड में 50 से अधिक बिरसा कृषि पाठशालाएं संचालित हैं, जहां किसानों को आधुनिक कृषि तकनीकों की ट्रेनिंग दी जा रही है।
कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता और योजनाएं
मंत्री ने बताया कि किसानों को उपज के उचित भंडारण के लिए कोल्ड स्टोरेज की आवश्यकता है। चार जिलों को छोड़कर बाकी सभी जिलों में कोल्ड स्टोरेज बनाने की प्रक्रिया जारी है। छोटे किसानों के लिए छोटे कोल्ड स्टोरेज का भी प्रावधान किया गया है, जिससे वे अपनी उपज को सुरक्षित रख सकें।
मत्स्य पालन और दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा
राज्य सरकार बंद कोयला खदानों में मत्स्य पालन को भी बढ़ावा दे रही है। झारखंड में मत्स्य पालन में 10% और पशुपालन में 4% की वृद्धि दर्ज की गई है। वहीं, गोपालकों को 5 रुपये प्रति लीटर प्रोत्साहन राशि दी जा रही है, जो देश में पहली बार किसी राज्य में लागू किया गया है।
सहकारिता को मिलेगा बढ़ावा
मंत्री ने कहा कि सरकार सहकारिता को मौलिक अधिकार का दर्जा देने की दिशा में काम कर रही है। हर जिले को उसकी विशेषता के अनुसार “वन डिस्ट्रिक्ट – वन प्रोडक्ट” योजना से जोड़ा जाएगा, जिससे जिले की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी।
एमएसपी पर कानून की मांग
उन्होंने कहा कि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य दिलाने के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर कानून बनाए जाने की मांग पूरे देश में हो रही है। केंद्र सरकार अगर झारखंड का बकाया धन लौटा दे तो राज्य में किसानों के लिए और भी बेहतर योजनाएं लागू की जा सकती हैं।
बीजेपी पर साधा निशाना
मंत्री ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा कि “माई-बाप की सरकार” तो बीजेपी की है, लेकिन मांग हमसे करते हैं। किसानों के मुद्दों पर ध्यान देने के बजाय विपक्ष सदन से वॉकआउट कर अपना नेता चुनने में लगा है।