New Delhi : लोक बिहार की स्वर कोकिला लोक गायिका शारदा अब हम सभी के बीच नहीं रहीं। पिछले सात दिन से दिल्ली एम्स में भर्ती शारदा सिन्हा ने मंगलवार देर शाम अंतिम सांस ली। 72 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने अपनी मां के ही सोशल मीडिया के X हैंडल पर पोस्ट कर उनके निधन की पुष्टि की है। अंशुमन ने लिखा कि “आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।”
शारदा सिन्हा के निधन से संगीत प्रेमियों और खास कर बिहारवासियों को बड़ा झटका लगा है। छठ महापर्व का समय आते ही लोगों के कानों में शारदा सिन्हा के गाये हुये छठ गीत गूंजने लगते थे। ऐसे में छठ महापर्व के पहले ही दिन उनका जाना उनके चाहने वालों के लिये किसी सदमे से कम नहीं है।
Post By Anshuman Sinha
आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे।
मां को छठी मईया ने अपने पास बुला लिया है । मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं । # pic.twitter.com/dBy9R8K3Mf— Sharda Sinha (@shardasinha) November 5, 2024
शारदा सिन्हा का संगीत दिलों को सुकून देने वाला
बिहार के सुपौल जिले में जन्मीं शारदा सिन्हा की आवाज ने बचपन से ही लोगों के दिलों में अपनी जगह बना ली थी। उनकी छवि लाल बिंदी, सिंदूर से सजी मांग और चश्मा पहने, हर संगीत प्रेमी के दिल में गहरी छाप छोड़ गयी। उनका संगीत आज भी दिल को सुकून देने वाला है। शारदा सिन्हा के पति का एक माह पूर्व ही ब्रेन हैमरेज से निधन हो गया था। इसके बाद से ही उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं रह रहा था। इस बीच एक सप्ताह पूर्व शारदा सिन्हा की तबीयत ज्यादा बिगड़ गई थी, जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स में भर्ती कराया गया था। उनके निधन के बाद परिवार में उनके दो बच्चे, पुत्र अंशुमान सिन्हा और पुत्री वंदना के सिर से ममता का आंचल छिन गया है।
भारतीयों के दिल में गूंजते रहेंगे शारदा सिन्हा के छठ गीत
शारदा सिन्हा द्वारा गाये हुए छठ गीत काफी मशहूर हुए। ये गीत सिर्फ बिहारी नहीं, बल्कि हर भारतीय के कानों में गूंजते रहेंगे। उनके गाये हुए छठ गीतों में ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया’, ‘केलवा के पात पर उगेलन सूरज देव’, ‘पहिले पहिल छठी मईया’, ‘छठी मईया आई ना दुअरियां’
आदि मुख्य हैं। उनके बेटे अंशुमान सिन्हा ने हाल ही में दिल्ली के एम्स से शारदा सिन्हा के एक और फेमस छठ गीत को रिलीज किया। इसके अलावा शारदा सिन्हा ने बॉलीवुड में भी अपनी आवाज दी है। फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ का गीत ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया’ और ‘मैंने प्यार किया’ का ‘कहे तोसे सजना’ आज भी प्रशंसकों के बीच बेहद लोकप्रिय हैं। शारदा सिन्हा को भोजपुरी और मैथिली संगीत की क्वीन भी कहा जाता है।
शारदा सिन्हा के खाते में ये सम्मान और पुरस्कार
- पद्म श्री सम्मान (1991)
- संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार (1991)
- बिहार सरकार द्वारा ‘बिहार गौरव’ सम्मान
- कई अन्य राज्य और राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार
पीएम मोदी ने जताया दुख, एक्स पर प्रकट की शोक संवेदना
शारदा सिन्हा के निधन की खबर मिलते ही शोक संदेशों का सिलसिला जारी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर अपनी शोक संवेदना जाहिर की है। उन्होंने कहा है कि सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।
सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस… pic.twitter.com/sOaLvUOnrW
— Narendra Modi (@narendramodi) November 5, 2024
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