Ranchi: झारखंड राज्य बार काउंसिल के अध्यक्ष राजेंद्र कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर शुक्रवार को कैबिनेट में सरकार के द्वारा की गई घोषणा और वकीलों को मिलने वाली सुविधाओं को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि वकीलों को जो स्वास्थ्य बीमा सरकार ने देने की घोषणा की है वह सही नहीं है। उन्होंने अपने बयान में कहा है कि राज्य में वकीलों की संख्या 30 हजार से अधिक है लेकिन केवल 15 हजार वकीलों को ही इस सुविधा का लाभ दिया जाना कहीं से भी उचित नहीं है सभी को यह सुविधा मिलनी चाहिए। नए अधिवक्ताओं को पहले पांच साल तक 5,000 रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड दिए जाने की घोषणा पर भी स्टेट बार काउंसिल ने सवाल उठाये हैं। बता दें कि पेंशन देने की सरकार की इस घोषणा पर स्टेट बार काउंसिल का कहना है कि इसमें संशोधन की जरूरत है।
मालूम हो कि राज्य के अधिवक्ताओं को बड़ी सौगात देते हुए हेमंत सरकार ने अधिवक्ता कल्याण कोष के माध्यम से दी जाने वाली पेंशन राशि का पचास प्रतिशत सरकार की ओर से देने का निर्णय लिया है। शुक्रवार 06 सितंबर को हुई कैबिनेट की बैठक में सरकार ने अधिवक्ताओं से जुड़े कई फैसले लिए, जिसके तहत 65 वर्ष की आयु के बाद अपना लाइसेंस सरेंडर करने वाले अधिवक्ताओं को अब अधिवक्ता कल्याण कोष के माध्यम से वर्तमान में दी जा रही सात हजार रुपये की जगह 14 हजार रुपये मिलेंगे। इसमें सात हजार सरकार की ओर से दिए जाएंगे। इस फैसले के बाद महाधिवक्ता राजीव रंजन के नेतृत्व में बड़ी संख्या में अधिवक्ताओं ने झारखंड मंत्रालय पहुंच कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का आभार जताया।
बता दें कि राज्य कैबिनेट से अधिवक्ताओं के लिए तीन बड़ी योजनाओं को मंजूरी दे दी थी जिसमें संशोधन की बात झारखंड राज्य बार काउंसिल कर रहा है।
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