KhabarMantraLive: रांची के कांके थाना क्षेत्र में हुए चर्चित अनिल महतो उर्फ अनिल टाइगर हत्याकांड का रांची पुलिस ने सफलतापूर्वक खुलासा कर दिया है. पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है और जांच के दौरान यह सामने आया है कि हत्या के पीछे भूमि विवाद मुख्य कारण था.
घटना 26 मार्च 2025 की शाम कांके चौक पर घटी थी, जब अज्ञात अपराधियों ने अनिल महतो की गोली मारकर हत्या कर दी थी. मृतक की पत्नी लता देवी के आवेदन पर कांके थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई थी (कांड संख्या 90/25), जिसमें भारतीय दंड संहिता की धारा 103(1)/3(5) एवं आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया गया.
विशेष टीम ने किया खुलासा
घटना की गंभीरता को देखते हुए रांची के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस उपाधीक्षक (मुख्यालय) प्रथम की अगुवाई में एक विशेष अनुसंधान दल (SIT) का गठन किया गया. जांच के दौरान यह स्पष्ट हुआ कि मृतक अनिल महतो कांके थाना क्षेत्र के चामगुरु मौजा स्थित लगभग 10 एकड़ विवादित जमीन पर अवैध कब्जे का विरोध कर रहे थे. यह विरोध ही उनकी हत्या का कारण बना.
सुपारी देकर कराई गई थी हत्या
पुलिस जांच में यह सामने आया कि देवव्रत नाथ शाहदेव, जो उस विवादित भूमि से जुड़ा था, ने अनिल महतो को रास्ते से हटाने के लिए अभिषेक सिन्हा उर्फ सूरज सिन्हा को हत्या की सुपारी दी थी. इसके बाद हत्या की योजना कोलकाता में बनाई गई और अमन सिंह और रोहित वर्मा को शूटर के रूप में शामिल किया गया. अमन सिंह ने अनिल महतो को गोली मारी, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई.
गिरफ्तार अभियुक्तों की सूची
रांची पुलिस द्वारा अब तक गिरफ्तार किए गए पांच अभियुक्तों के नाम:
- अमन सिंह – शूटर, हत्या में प्रत्यक्ष रूप से शामिल
- जिसान अख्तर उर्फ जिसु – हत्या में प्रयुक्त पिस्टल को छिपाने में शामिल
- मनिष चौरसिया – बाइक और धन उपलब्ध कराने में शामिल
- अजय कुमार रजक उर्फ गोलु – रेकी करने में शामिल
- रोहित वर्मा – हत्या में प्रत्यक्ष रूप से शामिल, मौके से गिरफ्तार
बरामद सामान
पुलिस ने इस मामले में कई महत्वपूर्ण साक्ष्य भी बरामद किए हैं, जिनमें शामिल हैं:
– 14 एंड्रॉयड मोबाइल फ़ोन
– एक काली होंडा साइन बाइक (नं. JH24K-6875)
– एक पिस्टल व कारतूस
– एक लाल अपाची बाइक (नं. BR-01BP-5499)
तकनीकी जांच से मिली अहम जानकारियाँ
अभियुक्तों के बीच आपसी संवाद टेलीग्राम, व्हाट्सएप और जंगी एप के माध्यम से हुआ. इसके अलावा हत्या के एवज में किए गए भुगतान में ₹50,000 की रकम UPI के जरिए ट्रांसफर की गई थी।
इस सफलता का श्रेय SIT के अधिकारियों को जाता है, जिनमें पुलिस उपाधीक्षक अमर कुमार पांडेय, कांके थाना प्रभारी सुशील कुमार, इंस्पेक्टर प्रकाश कुमार रजक, पिठोरिया थाना प्रभारी अभय कुमार समेत कई अधिकारी शामिल हैं. इस पूरी कार्रवाई में सशस्त्र बल का भी सहयोग रहा.
बाकी अभियुक्तों की तलाश जारी
पुलिस ने जानकारी दी है कि घटना में शामिल अन्य अभियुक्तों की तलाश अभी भी जारी है और जल्द ही उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया जाएगा. छापेमारी अभियान पूरे क्षेत्र में सक्रिय रूप से चल रहा है.