Jharkhand: झारखंड की कृषि, पशुपालन और सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने भूमि संरक्षण विभाग के अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाईं है। विभाग की सुस्त योजनाओं पर नाराजगी जाहिर करते हुए मंत्री ने अधिकारियों को सख्त लहजे में चेतावनी दी कि अब कोई भी लापरवाही नहीं चलेगी।
क्या है पूरा मामला?
नेपाल हाउस के NIC सभागार में भूमि संरक्षण निदेशालय के साथ बैठक के दौरान मंत्री ने पाया कि रांची, खूंटी, धनबाद, गुमला और देवघर जिलों में विभाग की योजनाओं की रफ्तार बेहद धीमी है। इससे लाभार्थियों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है!
मंत्री का कड़ा आदेश
मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने विभागीय अधिकारियों को अगले दो दिनों में स्थानीय विधायकों से मुलाकात कर योजनाओं की जानकारी देने का आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि योजनाओं की धीमी रफ्तार के कारण लाभार्थी इससे वंचित रह रहे हैं और विभाग का लक्ष्य अधूरा है। मंत्री ने अधिकारियों से एक और गंभीर सवाल किया: “अगर विभागीय अधिकारी अपने पद पर हैं और काम नहीं कर पा रहे हैं, तो क्या उन्हें यह पद छोड़ देना चाहिए?”
क्या बदलेगा अब?
मंत्री ने इस मामले में तीव्रता लाने के लिए जिलों में आवेदन फॉर्मों को न केवल जिला मुख्यालय बल्कि प्रखंड कार्यालयों में भी उपलब्ध कराने का निर्देश दिया। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि किसानों तक योजनाओं का लाभ सही तरीके से पहुंचे इसके लिए विभाग को राज्य स्तर पर योजनाओं की समीक्षा करनी होगी।
मंत्री ने अधिकारियों को 31 जनवरी तक योजनाओं की कार्य प्रगति की रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है। क्या भूमि संरक्षण विभाग इन कड़े निर्देशों के बाद अपनी गति तेज करेगा, या यह योजना भी फाइलों में दबकर रह जाएगी?
यह मामला पूरी तरह से भूमि संरक्षण विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रहा है। अब देखना यह होगा कि मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की के आदेशों के बाद क्या विभाग अपने लक्ष्य को पूरा कर पाएगा!
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