Ranchi :‘चुनाव’ जनता के बीच आपके कद का मूल्यांकन करता है साथ ही राजनीतिक दलों के अन्दर भी आपकी हार जीत से आपकी कार्यकुशलता का स्तर तय किया जाता है। अगर किसी पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष या मंत्री या मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए चुनाव हार जाये तो पार्टी में उसकी भद्द पिटनी तय है। शायद इसीलिये चुनाव के दौरान कैंडिडेट के रूप में ये पदासीन व्यक्ति जीतने की कोई कोर-कसर नहीं छोड़ता है। झारखंड विधानसभा चुनाव में कई राजनीतिक दलों के सुप्रीमो की प्रतिष्ठा दाव पर लगी हुई है। इनमें से बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, जेएमएम के सुप्रीमो हेमंत सोरेन, आजसू पार्टी सुप्रीमो सुदेश महतो और जेकेएलएम पार्टी के सुप्रीमो जयराम महतो सहित कई मंत्री भी शामिल हैं।
बाबूलालः अपने ही दगा कर बैठे..!
बाबूलाल मरांडी धनवार विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनके खिलाफ मैदान में निजामुद्दीन अंसारी हैं। लेकिन उन्हें धनवार से दोहरी चुनौती का सामना करना पड़ रहा है। एक तरफ निजामुद्दीन अंसारी हैं तो दूसरी तरफ उनके अपने सगे निरंजन राय ने मोर्चा खोल दिया है। हालांकि निरंजन राय को चुनाव न लड़ने की कई स्तर पर नसीहतें दी गयीं लेकिन वह नहीं माने। अन्तिम प्रयास गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे ने किया था, जो नाकाम रहा। वहीं चौथा कैंडिडेट माले के राजकुमार यादव हैं, जो नुकसान पहुंचा सकते हैं।
सुदेश- खतरा ही खतरा…!
सिल्ली विधानसभा सीट से आजसु सुप्रीमो सुदेश महतो खड़े हुए हैं जो उनकी परंपरागत सीट रही है। इस बार चुनावी मैदान में उनके सामने दो-दो कैंडिडेट दो-दो हाथ करने को तैयार हैं। एक तरफ जेएमएम के अमित महतो कैंडिडेट हैं तो दूसरी तरफ जेकेएलएम के देवेंद्र महतो ने उन्हें बेचैन कर रखा है। अमित महतो पहले भी उन्हें इस सीट से हार का स्वाद चखवा चुके हैं। जबकि पहली बार मैदान में उतरे जेकेएलएम के कैंडिडेट देवेंद्र महतो का भी जनाधार मजबूत है। कुर्मी वोटरों पर तीन कैंडिडेट की राजनीति टिकी हुई है। कुर्मी वोटर ही तय करेंगे कि राजनीति की उंट किस करवट बैठेगा?
जयरामः बेबी देवी या यशोदा..!
डुमरी विधानसभा क्षेत्र से जेकेएलएम पार्टी के सुप्रीमो जयराम महतो ने वर्तमान सरकार में मंत्री बेबी देवी के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है जबकि आजसू की पकड़ इस क्षेत्र में पहले से ही है। जेएमएम के पूर्व मंत्री जगरनाथ महतो लगातार इस सीट से चुने जाते थे लेकिन उनके देहांत के बाद खाली हुई डुमरी सीट पर हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी बेबी देवी जेएमएम के टिकट पर जीती थीं। राजनीतिक पंडितों का कहना है कि बेबी देवी को वोट सहानुभूमि के रूप में मिले थे, लेकिन अब समीकरण काफी बदल चुके हैं। हाल ही में लोकसभा चुनावों में इस विधानसभा सीट पर जयराम महतो ने 90 हजार से ज्यादा वोट हासिल किया था। इस बार जयराम महतो बेरमो विधानसभा सीट से भी चुनाव लड़ रहे हैं।
हेमंत सोरेनः जीत तय है!
बरहेट विधानसभा सीट से राज्य के मुख्यमंत्री और जेएमएम सुप्रीमो चुनावी मैदान में है। ऐसा माना जा रहा है कि बरहेट में उन्हें कोई चुनौती देने वाला कैंडिडेट नहीं है। बीजेपी के गमालियल हेम्ब्रम कैंडिडेट हैं। बरहेट विधानसभा सीट एक ऐसी सीट है जहां से बीजेपी बीते 35 सालों के इतिहास में अब तक जीत दर्ज नहीं कर पाई है। इसलिये हेमंत को चुनौती मिलने की संभावना बहुत ही कम है।