Ranchi : सीनियर IAS अलका तिवारी ने आज बतौर झारखंड की मुख्य सचिव अपना पदभार ग्रहण कर लिया। चार्ज लेने के बाद सबसे पहले राज्य के DGP अजय कुमार सिंह ने उन्हें बदाई और शुभकामनायें दी। यहां याद दिला दें कि बीते 31 अक्टूबर को राज्य के मुख्य सचिव एल खियांगते रिटायर हो गये। उन्हें सेवा विस्तार नहीं मिला। अलका तिवारी फिलहाल झारखंड राजस्व पर्षद के सदस्य के पद पर पदस्थापित थीं। हाल ही में उन्हें केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से झारखंड भेजा गया था।
कौन हैं अलका तिवारी ?
अलका तिवारी 1988 बैच, झारखंड कैडर की IAS अधिकारी हैं। अलका तिवारी झारखंड राज्य में अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन और बेदाग ईमानदारी के लिए जानी जाती हैं। मेरठ युनिवर्सिटी से साइकोलॉजी में मास्टर्स किया है। उन्हें टॉपर होने के लिए गवर्नर ने गोल्ड मेडल से नवाजा गया। उन्होंने मैनचेस्टर विश्वविद्यालय, यू.के. के सिविल और स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग विभाग से एमएससी किया। विकास परियोजनाओं के प्रबंधन और कार्यान्वयन में पाठ्यक्रम में शीर्ष स्थान प्राप्त किया और स्वर्ण पदक प्राप्त किया। वहीं, ग्रैजुएशन रांची युनिवर्सिटी से की है। उन्होंने हार्वर्ड विश्वविद्यालय, यूएसए से ‘वित्तीय समावेशन पर पुनर्विचार’ पर एक अल्पकालिक पाठ्यक्रम और ड्यूक विश्वविद्यालय, यूएसए से ‘वित्तीय सलाहकारों के लिए सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन’ पर एक और विशेष पाठ्यक्रम पूरा किया है। अलका झारखंड के गुमला और लोहरदगा जिलों में डीसी/कलेक्टर के पद पर काम कर चुकी हैं। वे वाणिज्यिक कर और वन एवं पर्यावरण विभागों में सचिव रह चुकी हैं। वे भारत सरकार के नीति आयोग में सलाहकार, उर्वरक विभाग में संयुक्त सचिव और अतिरिक्त सचिव तथा उर्वरक, रसायन और औषधि विभागों में अतिरिक्त सचिव सह वित्तीय सलाहकार रह चुकी हैं। नीति आयोग में वे वित्तीय संसाधन, शिक्षा, पर्यटन आदि जैसे महत्वपूर्ण विभागों को संभाल रही थीं। उन्होंने भारत के उच्च शिक्षा नियामक ढांचे में सुधार और शिक्षण एवं अनुसंधान के विश्व स्तरीय संस्थानों के विकास के लिए रणनीति दस्तावेज विकसित किए। उर्वरक कंपनी एफएजीएमआईएल की सीएमडी के रूप में उन्होंने जिप्सम व्यापार में गिरावट को उलट दिया और इसे लाभ कमाने वाली बाजार अग्रणी कंपनी में बदल दिया। श्रीमती तिवारी ने यूरिया की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने और देश के राजस्व हितों की रक्षा के लिए कतर, ईरान और रूस के साथ संपर्क बनाए रखा। उन्होंने व्यापार, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सांस्कृतिक सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग के तहत “आधुनिकीकरण और औद्योगिक सहयोग” पर प्रोटोकॉल समझौते पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने 3 साल से अधिक समय तक राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग में भारत सरकार के सचिव के रूप में काम किया और देश के आदिवासी मुद्दों पर विशेषज्ञता हासिल की। उनके पति डॉ. डीके तिवारी 1986 बैच के आईएएस अधिकारी हैं, जो झारखंड के मुख्य सचिव के पद से सेवानिवृत्त हुए हैं और अब राज्य चुनाव आयुक्त के संवैधानिक पद पर कार्यरत हैं।
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