Ranchi : बरहेट विधानसभा सीट! झारखंड की सबसे हाई प्रोफाईल सीट है, जहां से राज्य के मुखिया हेमंत सोरेन JMM के प्रत्याशी हैं। BJP इस सीट से अब तक हेमंत की काट नहीं ढूंढ पाई है। BJP ने लुईस मरांडी का टिकट दुमका से बीजेपी ने काटा, तो ये कयास लगाये जा रहे थे कि बीजेपी के खाते में जो दो सीटें बाकी हैं, उसपर लुईस मरांडी बरहेट से कैंडिडेट हो सकते हैं। BJP कोई फैसला ले पाती, उसके पहले ही लुईस मरांडी अपने 24 साल के बीजेपी के रिश्ते को ठोकर मारकर जेएमएम के साथ चली गईं। शायद उन्हें एहसास हो चुका था कि पार्टी उन्हें बरहेट से टिकट देगी, जहां से उनका जीतना संभव नहीं है। अब BJP के लिये बड़ी मुश्किल यह है कि बरहेट से हेमंत सोरेन को चुनौती देने के लिये किसे मैदान में उतारा जाये। हालांकि, BJP के पास अभी बरहेट के लिये वक्त है, क्योंकि बरहेट विस में दूसरे चरण में 20 नवंबर को चुनाव होना है। 2019 में हेमंत सोरेन ने भाजपा के सिमन मालतो को हराकर यहां से जीत दर्ज की थी। अब BJP की समस्या यह है कि हेमलाल मुर्मू भी अब पाार्टी को छोड़ JMM में जा चुके हैं और लुईस मरांडी भी। ऐसे में BJP को किसी मजबूत कैंडिडेट की तालाश है, जो मजबूती के साथ बरहेट में हेमंत सोरेन का मुकाबला कर सके।
बरहेट विधानसभा से कभी नहीं जीत पाई है BJP
संताल हूल के महानायक सिदो-कान्हू और फूलो-झानो की पावन भूमि बरहेट विधानसभा क्षेत्र में आदिवासी और मुस्लिम मतदाता विभिन्न चुनावों में निर्णायक की भूमिका निभाते रहे हैं। BJP आदिवासी हितों की रक्षा और बांग्लादेशी घुसपैठिये के मुद्दे को लेकर इस क्षेत्र में अपनी पैठ बनाने की जुगत में है। लगातार JMM के इस मजबूत दुर्ग को भेदने का प्रयास कर रही है, लेकिन अब तक उसे सफलता नसीब नहीं हो सकी है।
वर्ष 1990 से 2019 तक लगातार JMM का रहा है कब्जा
वर्ष 1957 में अस्तित्व में आये इस विधानसभा क्षेत्र पर वर्ष 1990 से 2019 तक लगातार JMM का कब्जा रहा है। पिछले दो चुनावों से JMM के कार्यकारी अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन इस क्षेत्र से विधायक चुने जाते रहे हैं। 1957 से 2019 के बीच इस क्षेत्र में विधानसभा के 15 चुनाव सम्पन्न हुए, जिसमें कांग्रेस को सिर्फ दो बार सफलता मिली। जबकि झारखंड पार्टी ने दो बार, निर्दलीय ने दो बार और जनता पार्टी और प्रोगेसिव हुल झारखंड पार्टी ने एक-एक बार जीत दर्ज की। वहीं झामुमो 1990 से लगातार इस सीट पर अब तक सात बार जीत दर्ज कर चुकी है। सीपीआई से अपनी राजनीतिक यात्रा शुरू करने वाले हेमलाल मुर्मू JMM के टिकट पर सबसे अधिक चार बार इस सीट से जीत दर्ज कर चुके हैं। हालांकि वर्ष 2013 में हेमलाल मुर्मू JMM छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए। वर्ष 2014 के लोकसभा और विधानसभा के चुनाव में हेमलाल मुर्मू ने BJP के टिकट पर इस सीट से अपने भाग्य की जोर आजमाइश की। लेकिन इस क्षेत्र की जनता ने झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन के पक्ष में विधायक चुना और चार बार इस क्षेत्र से विधायक और एक बार इस क्षेत्र से जुड़े राजमहल के सांसद चुने गये हेमलाल मुर्मू को खारिज कर दिया।
बरहेट में मुख्य रूप से JMM और BJP के बीच ही मुकाबला
झारखंड गठन के बाद इस सीट पर मुख्य रूप से JMM और BJP के बीच ही मुकाबला होता रहा है। फिर भी BJP अभी तक यहां अपना खाता नहीं खोल पायी है। वर्ष 2019 के विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन बरहेट और दुमका दोनों सीट से विधायक चुने गए थे। लेकिन उन्होंने दुमका सीट से त्यागपत्र दे दिया और बरहेट के विधायक के रूप में राज्य के मुख्यमंत्री की कमान संभाली।
संताल और पहाड़ियां आदिवासियों की आबादी 71 प्रतिशत
अनूसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित बरहेट विधानसभा क्षेत्र साहेबगंज जिले के बरहेट, पतना और गोड्डा जिले के सुंदरपहाड़ी प्रखंड के साथ बोआरीजोर प्रखंड के छह पंचायतों तक फैला हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस क्षेत्र में संताल और पहाड़िया आदिवासी मतदाताओं की संख्या करीब 71 प्रतिशत और मुस्लिम मतदाता लगभग 10 प्रतिशत हैं।
लोकसभा चुनाव 2024 में बरहेट से JMM को मिली थी बढ़त
राजमहल लोकसभा क्षेत्र में वर्ष 2024 में सम्पन्न चुनाव में बरहेट विधानसभा क्षेत्र में JMM प्रत्याशी विजय हांसदा को बड़ी बढ़त मिली थी। हालांक, BJP के प्रत्याशी ताला मरांडी ने कड़ी टक्कर दी थी। वहीं, निर्दलीय उम्मीदवार लोबिन हेम्ब्रम का कोई खास प्रभाव देखने को नहीं मिला था।
लोस चुनाव 2024 में बरहेट से किसे कितने वोट मिले
उम्मीदवार का नाम – राजनीतिक दल – प्राप्त वोट
विजय हांसदा – जेएमएम – 76068
ताला मरांडी – भाजपा – 52,629
लोबिन हेम्ब्रम – निर्दलीय – 8693
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