Ranchi : कांग्रेसी परिवार की पांचवी पीढ़ी से आने वाले झारखंंड प्रोफेशनल्स कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष व झारखंड कांग्रेस के प्रदेश प्रतिनिधि आदित्य विक्रम जायसवाल पिछले 20 वर्षों से रांची विधानसभा क्षेत्र में पार्टी को बढ़ाने की दिशा में मेहनत कर रहे हैं। झारखंड में कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने में भी वे काफी सक्रिय रहे हैं। मगर, इतनी मेहनत करने के बावजूद रांची विधानसभा सीट से टिकट को लेकर अबतक कोई स्पष्टता नहीं दिखने से जायसवाल काफी निराश हैं। ज्ञात हो कि आदित्य विक्रम जायसवाल के दादा शिवनारायण जायसवाल रांची के प्रथम मेयर रहे और 15 वर्ष तक लगातार इस पद पर काबिज रहे। वहीं, आदित्य विक्रम जायसवाल पालकोट राज परिवार शाहदेव परिवार के दामाद भी हैं।
वैश्य समाज और मुस्लिम समुदाय में जायसवाल की अच्छी पैठ
पूर्व में भी वैश्य समाज द्वारा प्रेस वार्ता कर ये सूचना दी गई थी कि अगर कांग्रेस पार्टी आदित्य विक्रम जायसवाल को रांची से टिकट नहीं देती है, तो वे निर्दलीय वैश्य समाज की ओर से चुनाव लड़ेंगे। ज्ञात हो रांची विधानसभा में वैश्य समाज के 1 लाख 35 हज़ार सक्रिय वोटर हैं और मुस्लिम समुदाय में भी जायसवाल की अच्छी पैठ है। उन्हें टिकट देने को लेकर कांग्रेस पार्टी की ओर अब तक किसी प्रकार की सुगबुगाहट नहीं होने से व्यवसायी वर्ग में रोष है।
‘‘ झारखंड में हमेशा से ही वैश्य समाज को ठगा गया है ’’
आदित्य विक्रम जायसवाल का कहना है कि झारखंड में हमेशा से ही वैश्य समाज को ठगा गया है और नीचा दिखाने की कोशिश की गयी है। उन्होंने इसे व्यापारी वर्ग का अपमान बताया। जानकारी के मुताबिक, आदित्य विक्रम जायसवाल वैश्य, मुस्लिम और क्रिश्चियन समाज के अलावा अन्य समुदाय के भी संपर्क में हैं। अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है, तो जल्द ही जायसवाल निर्दलीय चुनाव लड़ने के लिए सभी से बात कर अंतिम निर्णय लेंगे।
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