Ranchi : कोल्हान की पोटका विधानसभा सीट से बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा की पत्नी मीरा मुंडा को टिकट दिया है। मीरा मुंडा की फिल्डिंग अर्जुन मुंडा कर रहे थे और पोटका की तीन टर्म विधायक रहीं मेनका सरदार का टिकट कट गया। पोटका विधानसभा अलग झारखंड के बाद बीजेपी का गढ़ रहा है और दो सरदार के बीच में चुनावी बिसात पर गोटियां सेट होती रही हैं। शायद यह पहला मौका है जब अलग झारखंड में सरदारों के वर्चस्व को तोड़ने के लिये मीरा मुंडा को मैदान में उतारा गया है। 2019 के चुनावों में बीजेपी की मेनका सरदार की बड़े अन्तर से हार हुई थी और जेएमएम के संजीव सरदार ने यह सीट 43 हजार वोटों से जीती थी। बीते 6 चुनावों में पोटका से 4 बार बीजेपी, एक बार जेएमएम और एक बार जेवीएम ने जीत दर्ज की है। पोटका में कांग्रेस के परंपरागत वोट 8 से 10 प्रतिशत हैं। 2019 में कांग्रेस और जेएमएम एकजुट हुई तो जेएमएम के कैंडीडेट की जीत सुनिश्चित हो सकी। पोटका में बीजेपी की हार जीत की संभावना 50-50 प्रतिशत दिखाई देती है। दूसरी बात यह है कि पूरे झारखंड में सिर्फ पोटका सीट ही भूमिज आदिवासियों की है। अर्जुन मुंडा भूमिज नहीं हैं। मीरा मंडा को टिकट दिया है, जाहिर है कि भूमिज वोट मजबूरन एक और भूमिज संजीव सरदार की ओर चले जाएंगे। लोगों की सोच है कि बीजेपी को किसी स्थानीय भूमिज को ही टिकट देना चाहिये था।
पोटका के समीकरण को समझिये
कोल्हान का पोटका विधानसभा को कुल तीन हिस्सों में बांटा जा सकता है। डुमरिया प्रखंड, पोटका प्रखंड और जमशेदपुर महानगर का एक हिस्सा जिसमें बागबेड़ा, घाघीडीह, हल्दीपोखर वाला इलाका। अगर चुनावों के नज़रिए से देखें तो जमशेदपुर का बागबेड़ा, घाघीडीह, हल्दीपोखर जैसे इलाके परुंपरागत रूप से भाजपा का गढ़ रहे हैं। लेकिन चुनावी हार-जीत का फैसला डुमरिया और पोटका प्रखण्ड के वोटर करते हैं।
चुनावी नतीजों का इतिहास में वोटों के प्रतिशत को देखें तो 2014 विधानसभा चुनाव में भाजपा को 36.69 प्रतिशत, झामुमो को 33.69 प्रतिशत, कांग्रेस को 13.03 प्रतिशत वोट हासिल हुए जबकि 2019 विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 34 प्रतिशत, जेएमएम को 55.61 प्रतिशत वोट प्राप्त हुए। इसी वजह से जेएमएम 2019 के चुनावों में जीत दर्ज कर सकी।
50 प्रतिशत आदिवासी और मुस्लिम मतदाता निर्णायक
पोटका विधानसभा क्षेत्र में 50 प्रतिशत आदिवासी और मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका निर्णायक मानी जाती है। इनमें सरदार मतदाताओं की संख्या करीब 10 प्रतिशत, मुस्लिम आबादी 6, सिंह 5.5, मुर्मू 5.1, सोरेन 3, टुडू 3, भगत 3, मंडल , हेम्ब्रम, महतो और मार्डी जाति की आबादी 3-3 प्रतिशत शामिल है।
1952 में जुगसलाई सह पोटका के नाम से दो विधानसभा क्षेत्र
1952 में जुगसलाई सह पोटका के नाम से दो विधानसभा हुआ करता था। लेकिन 1957 में इसका पोटका विधानसभा हो गया है। यह विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित था। उस वक्त झारखंड पार्टी के सुपई सोरेन विधायक चुने गए। उसके बाद 1962 में कांग्रेस माझी रसराज टुडू से विधायक बने।
1967 में पोटका बना पटमदा
वहीं 1967 में पोटका विधानसभा का नाम बदल कर पटमदा विधानसभा हो गया। पटमदा विधानसभा के पहले विधायक कांग्रेस के घनश्याम महतो बने। 1969 में घनश्याम महतो को यहां से फिर जीत दर्ज की। यही नही 1972 में भी घनश्याम महतो जीत दर्ज की। कहा जाए कि लगातार तीन साल घनश्याम महतो ने यहा से प्रतिनिधित्व किया।
पोटका फिर बना एसटी सुरक्षित सीट
वहीं एक बार 1977 में पटमदा से पोटका (एसटी सुरक्षित) बना। और एसटी होने पर सनातन सरदार यहां से विधायक चुने गए। सनातन सरदार लगातार तीन बार विधायक चुने गए। लेकिन तीनों बार अलग-अलग दल से उन्होने पोटका विधानसभा का नेतृत्व किया। 1977 से सनातन सरदार ने जनता पार्टी से, 1980 में भाजपा से और 1985 में क़ाग्रेस से विधायक बने। वैसे इस सीट से झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इस सीट पर चार बार जीत दर्ज कर चुकी है।
वर्ष 2019 में पोटका विधानसभा चुनाव का परिणाम | ||
उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
संजीव सरदार | जेएमएम | 110753 |
मेनका सरदार | भाजपा | 67643 |
बुलू रानी सिंह | आजसू पार्टी | 5735 |
वर्ष 2014 में पोटका विधानसभा चुनाव का परिणाम | ||
उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
मेनका सरदार | भाजपा | 68191 |
संजीव सरदार | जेएमएम | 61458 |
दुखनी भाई सरदार | कांग्रेस | 14227 |
सूर्य सिंह बेसरा | झापीपा | 12177 |
वर्ष 2009 में पोटका विधानसभा चुनाव का परिणाम | ||
उम्मीदवार का नाम | पार्टी | प्राप्त मत |
मेनका सरदार | भाजपा | 44095 |
सुबोध सिंह सरदार | कांग्रेस | 28385 |
अमूल्य सरदार | जेएमएम | 24789 |
1952 से 2019 तक पोटका से निर्वाचित विधायक | ||
वर्ष | उम्मीदवार का नाम | पार्टी |
1952 | कैलाश प्रसाद | झापा |
1952 | हरिपद सिंह | झापा |
1957 | सुपई सोरेन | झापा |
1962 | माझी रसराज टुडू | कांग्रेस |
1967 | घनश्याम महतो | कांग्रेस |
1969 | घनश्याम महतो | कांग्रेस |
1972 | घनश्याम महतो | कांग्रेस |
1977 | सनातन सरदार | जनता पार्टी |
1980 | सनातन सरदार | भाजपा |
1985 | सनातन सरदार | कांग्रेस |
1990 | हरिराम सरदार | जेएमएम |
1995 | हरिराम सरदार | जेएमएम |
2000 | मेनका सरदार | भाजपा |
2005 | अमूल्यो सरदार | जेएमएम |
2009 | मेनका सरदार | भाजपा |
2014 | मेनका सरदार | भाजपा |
2019 | संजीव सरदार | जेएमएम |
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