Ranchi: झारखंड की राजधानी रांची के कांके थाना क्षेत्र में दिनदहाड़े भाजपा नेता और पूर्व जिला परिषद सदस्य अनिल टाइगर की गोली मारकर हत्या का मामला गुरुवार को विधानसभा में गूंज उठा। भाजपा विधायकों ने इस मुद्दे को जोरशोर से उठाया, जिसके बाद सत्ता और विपक्ष दोनों वेल में पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे।
विधानसभा में रांची विधायक सीपी सिंह ने कहा कि जब भाजपा ने इस मामले को सदन में उठाया तो सत्ता पक्ष खुद वेल में उतर आया, जो यह दर्शाता है कि वे बचाव की मुद्रा में हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह एक सोची-समझी साजिश है, जिससे सत्ता पक्ष अपनी नाकामी छिपाना चाहता है।
सीपी सिंह ने रांची में बढ़ते अपराध पर सवाल उठाते हुए कहा कि शहर में अपराधियों का बोलबाला है और पुलिस पूरी तरह असफल साबित हो रही है। उन्होंने बताया कि अनिल टाइगर की हत्या के बाद जिन अपराधियों को पकड़ा गया है, वे पुलिस नहीं बल्कि ग्रामीणों द्वारा पकड़े गए।
विधायक ने लगाए गंभीर आरोप
सीपी सिंह ने सदन में दावा किया कि उन्हें हाउस अरेस्ट करने की कोशिश की गई थी। उन्होंने कहा, “विधानसभा सत्र के दौरान मुझे पुलिस अभिरक्षा में सदन लाया गया। इसके अलावा, कई भाजपा नेताओं को भी हाउस अरेस्ट किया गया है, ताकि वे विधानसभा में विरोध दर्ज न कर सकें।”
बीजेपी ने मांगी सीबीआई जांच
भाजपा विधायकों ने मामले की निष्पक्ष जांच के लिए सीबीआई जांच की मांग की है। उनका कहना है कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गई है और अपराधी बेखौफ होकर वारदातों को अंजाम दे रहे हैं। विपक्ष ने सरकार पर अपराधियों को संरक्षण देने का आरोप लगाया है।
सत्ता पक्ष का पलटवार
वहीं, सत्ता पक्ष ने भाजपा पर राजनीतिकरण का आरोप लगाया। सत्ता पक्ष का कहना है कि पुलिस अपनी कार्रवाई कर रही है और मामले में दोषियों को सख्त सजा दी जाएगी। इस घटना के बाद रांची में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है और संवेदनशील इलाकों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया है।
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