Thursday, March 13, 2025
spot_img
HomeRajyaJharkhandपारसनाथ या मरांग बुरू? अतिक्रमण के विरोध में आदिवासियों का विशाल प्रतिवाद...

पारसनाथ या मरांग बुरू? अतिक्रमण के विरोध में आदिवासियों का विशाल प्रतिवाद मार्च

Join Our WhatsApp ChannelJoin Now

Jharkhand: झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित मरांग बुरू (पारसनाथ पर्वत) पर कथित अतिक्रमण के खिलाफ आदिवासी समुदाय बड़ा प्रतिवाद मार्च निकालने की तैयारी कर रहा है। 12 मार्च 2025 को मधुवन में इस जनाक्रोश रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें हज़ारों की संख्या में आदिवासी समाज के लोग जुटेंगे।

जैन समुदाय पर अतिक्रमण का आरोप

आदिवासी संगठनों का आरोप है कि जैन समुदाय ने वन भूमि कानून और सीएनटी एक्ट का उल्लंघन करते हुए धर्म की आड़ में पारसनाथ पर्वत पर कब्ज़ा कर लिया है। उन्होंने अब तक 50 से अधिक मंदिर और मठ बना लिए हैं और केंद्र व राज्य सरकार को गुमराह कर पूरे पर्वत को अपने धार्मिक स्थल के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं।

मरांग बुरू: आदिवासियों का पवित्र स्थल

आदिवासी समुदाय के अनुसार, पारसनाथ पर्वत का प्राचीन नाम मरांग बुरू है और यह संथाल आदिवासियों का एक पवित्र स्थल है। यहां युग जाहेर थान, सरना स्थल और दिशोम मांझी थान स्थित हैं, जहां वे सदियों से पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं।

बलि प्रथा और पारंपरिक अधिकारों पर संकट

जैन समुदाय ने झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर पर्वत क्षेत्र में मांस और मदिरा पर रोक लगाने की मांग की है। आदिवासी संगठनों का कहना है कि यह उनकी धार्मिक मान्यताओं और पारंपरिक बलि प्रथा पर हमला है। यह उनके धार्मिक अधिकारों को समाप्त करने की साजिश है, जिसे वे बर्दाश्त नहीं करेंगे।

बड़े आंदोलन की तैयारी

मरांग बुरू बचाओ संघर्ष मोर्चा के प्रवक्ता प्रो. एस. मुर्मू ने कहा कि आदिवासी समाज अपने पवित्र स्थल की रक्षा के लिए कटिबद्ध है। 12 मार्च को मधुवन में होने वाला प्रतिवाद मार्च इस आंदोलन का शंखनाद होगा। इसमें हज़ारों की संख्या में लोग जुटेंगे और अपने अधिकारों के लिए संघर्ष का ऐलान करेंगे।

 

 

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -spot_img

News Update

Recent Comments