Ranchi: गीत गुनगुनाये जा रहे हैं। बजटीय गीत के स्थायी और अन्तरा के फर्क को देखने और सुनने को लोग बेताब हैं। अनुपूरक बजट के बाद पूर्ण बजट के लिये करीब दो महीने तक माथापच्ची के बाद झारखंड सरकार वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट 3 मार्च को पेश करने जा रही है। पिछले वर्षों के बजट आकार में 7-10 प्रतिशत की वृद्धि को देखते हुए, इस बार के बजट का आकार लगभग 1.4 लाख करोड़ होने की संभावना है।
शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष फोकस रहेगा
इस बजट में सरकार का फोकस शिक्षा, स्वास्थ्य और कल्याणकारी योजनाओं पर विशेष रूप से रहेगा। मंईयां सम्मान योजना जैसी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं और बच्चों के विकास के लिए अधिक धनराशि आवंटित की जा सकती है। इसके अलावा, ग्रामीण विकास, रोजगार सृजन और कृषि क्षेत्र को भी प्राथमिकता दी जाएगी। सरकार का उद्देश्य खाद्य सुरक्षा, रोजगार के अवसर, शिक्षा की गारंटी और किसान कल्याण सुनिश्चित करना है, ताकि राज्य का समग्र विकास हो सके। छोटे और मंझोले व्यापारियों ने भी इस बजट से उम्मीदें जताई हैं। वे चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करे और उन्हें आवश्यक समर्थन प्रदान करे, जिससे वे राज्य की अर्थव्यवस्था में अधिक योगदान दे सकें।
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एक नजर में झारखंड का बजट
- राज्य गठन के बाद से लेकर 2024 तक बजट का आकार 16 गुणा ज्यादा बढ़ा।
- बीते 24 वर्षों में खर्च के बनिस्पत इनकम में 12 गुणा बढ़ोतरी हुई है।
- बीते 24 सालों में हेल्थ बजट का आकार 169.09 करोड़ से बढ़कर 7,223 करोड़ का हुआ।
- 24 सालों में शिक्षा का बजट 915.36 करोड़ से बढ़कर 14725 करोड़ तक जा पहुंचा।
वर्तमान सरकार की चुनौतियों को भी जानिये
राज्य में पूर्ण बहुमत की सरकार है, तो जाहिर है कि जिम्मेदारियों का बोढ़ भी उतना ही बड़ा है। सरकार अब तक योजना मद में बजट का बड़ा हिस्सा व्यय करती रही है। सरकार का फोकस स्वास्थ्य और शिक्षा पर ज्यादा है। नये मेडिकल कॉलेज, स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं, शिक्षकों और डॉक्टरों की बहाली सहित ग्रामीण विकास के क्षेत्र में रोजगारोन्मुखी योजनाओं को धरातल पर उतारना होगा ताकि ग्रामीण परिवेश को आर्थिक रूप से सशक्त किया जा सके।
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महिला एवं समाज कल्याण विभाग का बजट बढ़ने के आसार
बजट में बुनियादी सुविधाएं जैसे, शुद्ध पेय जल, सिंचाई योजनाएं, ग्रामीण सड़कों को विकास और अर्बन डेवलपमेंट की आधारभूत संरचना के विकास के लिये बजट में प्रावधान किया जायेगा। वहीं महिला एवं समाज कल्याण विभाग का बजट बढ़ने के आसार हैं। क्योंकि, मंईयां सम्मान योजना से राज्य की करीब 56 लाख महिलाओं को डीबीटी के माध्यम से आच्छादित किया जाना है। अकेली मंईयां सम्मान योजना पर एक साल में 17 हजार 700 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी। ऐसे में जाहिर है कि इस बार महिला एवं समाज कल्याण विभाग के बजट का आकार बड़ा होने वाला है।